भोपाल : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने मध्यप्रदेश विधानसभा में 12 साल की आयु तक की बालिकाओं से बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा देने के प्रावधान वाले विधेयक को सोमवार को सर्वसम्मति से पारित करने की प्रशंसा करते हुए इसका समर्थन किया.
मध्यप्रदेश विधासनसभा द्वारा सामेवार को सर्वसम्मति से लिये गये इस निर्णय पर आज मीडिया के सवाल पर साक्षी ने कहा, मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं. साक्षी ने वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक में महिला कुश्ती के 58 किग्रा में कांस्य पदक जीता था. उन्होंने कहा कि लड़कियों के सम्मान के मुद्दे पर अब लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है. उन्होंने कहा, विश्व में खेलों के क्षेत्र में महिलाओं द्वारा ख्याति हासिल करने के बाद माता-पिता अब यह महसूस करने लगे हैं कि उन्हें लड़के और लड़कियों में अंतर नहीं करना चाहिये.
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित एक समारोह में सम्मान प्राप्त करने यहां आयी इस महिला कुश्ती खिलाड़ी ने कहा, लड़कियों को अब खेलों में बढ़ावा दिया जा रहा है. हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली साक्षी ने उनके राज्य में शिशु मृत्यु दर और भूण हत्या दर देश में सबसे अधिक रहने के सवाल पर कहा कि वह हरियाणा की ब्रांड एम्बेसडर हैं और वह जब भी ग्रामीण क्षेत्रों में जाती हैं तो वहां लोगों के बीच लैंगिक समानता की वकालत करती हैं. उन्होंने कहा, मैं हमेशा लोगों को राज्य से ओलम्पिक में पदक लाने वाली लड़कियों से प्रेरणा लेने की बात कहती हूं.
साक्षी ने कहा, लड़कियों से भी लड़कों के समान व्यवहार किया जाना चाहिये. लड़की होने के नाते क्या उनके साथ भेदभाव किया गया के सवाल पर उन्होंने कहा, मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया. हालांकि साक्षी ने कहा कि समाज लड़कियों से यह कह सकता है यह खेल नहीं खेलो. अपने भाई को आगे बढ़ाओ, लेकिन अपने खेल में हमेशा आगे बढ़ते रहो और मेडल लेकर वापस आओ.