भुवनेश्वर : खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही बेल्जियम को सडन डैथ में हराने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय टीम कल हॉकी विश्व लीग फाइनल्स के सेमीफाइनल में उतरेगी तो इस चमत्कारिक जीत के बाद आत्ममुग्धता से बचते हुए फाइनल की डगर तय करना उसके लिये बड़ी चुनौती होगी. कलिंगा स्टेडियम पर दस हजार से ज्यादा दर्शकों के सामने भारत ने कल जो मुकाबला जीता, वह बरसों तक हाकीप्रेमियों के जेहन में रहेगा. सटीक पेनल्टी कार्नर, तेज र्तार आक्रमण, अडिग डिफेंस और सबसे अहम जीत के तेवर सभी कुछ टीम के पास था. सोने पे सुहागा रहा दर्शकों का समर्थन जो कल फिर इंडिया इंडिया , चक दे इंडिया का शोर मचाते हुए ऊर्जा का संचार करेंगे.
पिछली चैम्पियन आस्ट्रेलिया से ड्रा खेलकर उम्दा शुरुआत करने वाली भारतीय टीम इंग्लैंड और जर्मनी के खिलाफ उस लय को कायम नहीं रख सकी. ऐसा लग रहा था कि पिछली बार की तरह कांसे का तमगा भी नहीं जीत सकेंगे लेकिन क्वार्टर फाइनल में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम के खिलाफ मनप्रीत सिंह एंड कंपनी ने सारे कयासों को धता बताते हुए उलटफेर किया. लीग चरण में तीनों मैच जीतने वाली बेल्जियम के खिलाफ पहले ही मिनट से भारत ने आक्रामक हाकी का मुजाहिरा पेश किया. मुकाबला शूटआउट तक गया जिसमें गोलकीपर आकाश चिकते ने शानदार प्रदर्शन करके इसे सडन डैथ तक खिंचा और फिर हरमनप्रीत ने विजयी गोल दागकर भारत को अंतिम चार में पहुंचाया.