लिएंडर पेस के अंदर अभी जिंदा है टेनिस के लिए भूख, पढ़ें खास बातचीत
नयी दिल्ली : अठारह ग्रैंडस्लैम और एक ओलंपिक पदक जीत चुके 44 बरस के लिएंडर पेस ने कहा कि उनके लिये नये लक्ष्य तय करना मुश्किल है लेकिन आफ सीजन में दमखम के खेल बने आधुनिक टेनिस के मानदंडों पर खरे उतरने की कोशिश में जुटे रहे. पेस के कई समकालीन कोच बन गए और […]
नयी दिल्ली : अठारह ग्रैंडस्लैम और एक ओलंपिक पदक जीत चुके 44 बरस के लिएंडर पेस ने कहा कि उनके लिये नये लक्ष्य तय करना मुश्किल है लेकिन आफ सीजन में दमखम के खेल बने आधुनिक टेनिस के मानदंडों पर खरे उतरने की कोशिश में जुटे रहे. पेस के कई समकालीन कोच बन गए और उनके कई जूनियर्स ने संन्यास ले लिया लेकिन टेनिस के लिये पेस की भूख कम नहीं हुई है.
उन्होंने कहा, मेरे लिये आफ सीजन का मतलब कौशल, दमखम, वजन और अपने खेल को तरोताजा बनाये रखना है क्योंकि अब खेल में ताकत का बोलबाला है. सभी खिलाड़ी छह फुट से ऊंचे हैं और अधिक बलशाली है. ऐसे में आपके लिये जवाबी हमले का समय बहुत कम रहता है क्योंकि गेंद काफी मजबूती से आती है.
पेस ने बातचीत में कहा, ताकत के मायने हैं कि सर्विस और फोरहैंड दमदार होने चाहिये. युगल में नयी शैली के साथ वापसी कर सकते हैं. मेरे लिये आफ सीजन शारीरिक क्षमता बढ़ाने और नये लक्ष्य तय करने का था. वैसे नये लक्ष्य तय करना बहुत मुश्किल है. टेनिस से संन्यास के बार बार उठते सवाल पर उन्होंने कहा, फिलहाल मैं अपने टेनिस कैरियर के खूबसूरत मोड़ से गुजर रहा हूं जिसमें मुझे कुछ साबित नहीं करना है.
अभी भी गेंद और कोर्ट पर नियंत्रण बनाने में कामयाब रहना ही मेरी प्रेरणा है. उन्होंने कहा, मैं खेल का मजा ले रहा हूं. मैंने सब कुछ हासिल कर लिया है. अब मैं अपने लिये खेल रहा हूं. मैं लोगों को प्रेरित करना चाहता हूं कि यदि लिएंडर कठिन दौर से जूझने के बावजूद यह कर सकता है तो कोई भी कर सकता है.
पेस ने कहा, हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जिसमें जीवन बहुत कठिन है. हर जगह आतंकवाद है, गरीबी है, रहन सहन का खर्च बढ़ता जा रहा है, इतने घोटाले हो रहे हैं लेकिन आपको अच्छे रोल माडल की जरुरत है जो बता सके कि जिंदगी कठिन है लेकिन अच्छी भी हो सकती है. यह पूछने पर कि क्या वह अभी भी एक और एशियाई खेल और ओलंपिक खेलना चाहते हैं, उन्होंने कहा, मैं इसलिये खेलता हूं क्योंकि मुझे इसमें मजा आता है.
उसके साथ यदि यह भी खेलता हूं तो उत्तम है. उन्होंने कहा कि वह इस साल अधिक मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा , मेरे शरीर के निचले हिस्से में ताकत बढ़ी है. पुणे में मेरी सर्विस बहुत दमदार थी और वे ( रोहन बोपन्ना तथा जीवन ) मेरी सर्विस के आसपास भी नहीं थे.