नयी दिल्ली : राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी में जुटी भारतीय टीम टीम के जो खिलाड़ी अभ्यास के दौरान गलती करते हैं, उन्हें कोच शोर्ड मारिन अनूठी सजा देते हैं ताकि टीम में बेहतर अनुशासन बना रहे. खिलाड़ियों की ओर से अनुशासन में कोताही बरते जाने पर मारिन उन्हें अलग अलग काम सौंपते हैं.
इसमें पुश अप करना या गोल के एक छोर से दूसरे छोर तक रेंगकर जाना शामिल है. खिलाड़ियों को भी ऐसी सजा से गुरेज नहीं है. मारिन ने कहा, मैं तैयारी से बहुत खुश हूं. यह हमारे लिये बड़ा साल है और राष्ट्रमंडल खेल पहला बड़ा टूर्नामेंट है. हम अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा , इसके लिये हमें अनुशासन के साथ खेलना होगा. हम इस पर काफी मेहनत कर रहे हैं और लड़के भी इसकी अहमियत समझते हैं. मारिन ने कहा , मैदान पर अनुशासन में कोताही बरतने या कम ऊर्जा दिखाने वाले खिलाड़ियों को पुश अप या एक छोर से दूसरे छोर तक रेंगकर आने की सजा दी जाती है. इसका मकसद नकारात्मक नहीं है.
उन्होंने कहा , इससे खिलाड़ियों को अहसास होगा कि हॉकी टीम का खेल है और उनकी एक गलती का असर पूरी टीम के प्रदर्शन पर पड़ेगा. इस साल एशियाई खेल, चैम्पियंस ट्रॉफी और भुवनेश्वर में विश्व कप भी होना है. कोच ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों से आगामी टूर्नामेंटों के लिये दिशा तय होगी. उन्होंने कहा , यह चुनौतीपूर्ण और रोमांचक साल है.
एशियाई खेल काफी अहम है क्योंकि वहां से सीधे ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर सकते हैं. इसके बाद चैम्पियंस ट्रॉफी और साल के आखिर में विश्व कप है. मारिन ने कहा , इसके यह मायने नहीं है कि राष्ट्रमंडल खेलों में हम शत प्रतिशत योगदान नहीं देंगे. हमारे लिये यह काफी अहम टूर्नामेंट है. हम छोटे छोटे कदम भरकर बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे.
पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया है लेकिन मारिन ने कहा कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है. उन्होंने कहा , दूसरी सर्वोच्च रैंकिंग वाली टीम होने के नाते हमारी नजर स्वर्ण पर ही होगी. मैं अतीत के बारे में नहीं कह सकता लेकिन हम ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है. यह आत्मविश्वास की बात है. उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी नजर में सबसे अहम मैच पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच है ।हमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा.