गोल्ड कोस्ट : भारतीय राष्ट्रमंडल खेल दल को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब उसके मुक्केबाजों को डोपिंग उल्लंघन के आरोपों से बरी कर दिया गया हालांकि वे प्रतियोगिता के दौरान किसी तरह की नीडल ( सुई) साथ में नहीं रखने की नीति का उल्लंघन करने के कारण शक के दायरे में रहेंगे.
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ( सीजीएफ) ने इस मामले में शामिल देश के नाम का अभी तक खुलासा नहीं किया है, जिसकी शक की सुई भारत की तरफ है. सीजीएफ ने कहा कि इस मामले से जुड़े राष्ट्रमंडल खेल संघ को मंगलवार को सुनवाई के लिए बुलाया गया है, लेकिन इसमें कोई डोपिंग अपराध शामिल नहीं है.
सीजीएफ की किसी तरह की नीडल साथ में नहीं रखने की नीति किसी तरह की चिकित्सा सहायता के बिना इंजेक्शन लेने से रोकती है. इस नीति में केवल उन खिलाड़ियों के लिये ढिलायी बरती गयी है जिनके लिये किसी चिकित्सक की देखरेख में कोई दवा या पोषक तत्व लेना जरूरी है.
सीजीएफ ने हालांकि कहा कि खिलाड़ी को पूर्व में मंजूरी लेनी चाहिए और ऐसा नहीं करने पर उस पर अनिर्दिष्ट प्रतिबंध लगाये जा सकते हैं. भारतीय मुक्केबाजों के सिरिंज रखने की रिपोर्टों के बीच सीजीएफ की बैठक से पहले ऐसे माना जा रहा था कि भारतीय दल की मुसिबतें बढ़ सकती हैं. इससे पहले सीजीएफ सीईओ डेविड ग्रेवमबर्ग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सिरिंज मिलने की पुष्टि की.
उन्होंने कहा कि सीजीएफ ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है लेकिन उन्होंने जिस देश की जांच की जा रही है उसमें भारत का नाम नहीं लिया. ग्रेवमबर्ग ने कहा कि सीजीएफ संबंधित राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के साथ बातचीत कर रहा है. कयास लगाये जा रहे हैं कि इस मामले में भारतीय मुक्केबाज जांच के दायरे में हैं.
खेलों का उदघाटन समारोह चार अप्रैल को होगा और पांच अप्रैल से इनकी शुरुआत होगी. ग्रेवमबर्ग ने कहा, उस राष्ट्रमंडल खेल महासंघ( सीजीए) को आज बाद में हमारे चिकित्सा आयोग से मिलने के लिये बुलाया गया है. भारतीय दल ने अपनी तरफ से कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है.
उन्होंने दावा किया कि सिरिंज किसी अन्य टीम की हो सकती हैं जो खेल गांव के उसी कंपाउंड में ठहरी है. एक शीर्ष अधिकारी ने पुष्टि की कि सिरिंज एक भारतीय से मिली है लेकिन उन्होंने डोपिंग उल्लंघन का खंडन किया. भारतीय दल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, किसी तरह का डोपिंग उल्लंघन नहीं हुआ है क्योंकि सिरिंज का उपयोग‘ मल्टी- विटामिन’ का इंजेक्शन लेने के लिये किया गया था.
मुक्केबाजों का परीक्षण किया गया था और अगर किसी तरह का उल्लंघन होता तो हमें अब तक पता चल गया होता. उन्होंने कहा, हमें अब सीजीएफ के फैसले का इंतजार है. इस बीच सीजीएफ सीईओ ने कहा कि संबंधित राष्ट्रमंडल खेल संघ के स्पष्टीकरण के आधार पर सजा तय की जाएगी.
खेलों की आयोजन समिति के चेयरमैन पीटर बीटी ने कहा कि इस मामले से पूरी पारदर्शिता के साथ निबटा जाएगा. उन्होंने कहा, ( चिकित्सा आयोग की) रिपोर्ट में संबंधित सीजीए की गवाही शामिल होगी. उसे आगे के विचार विमर्श और उपयुक्त सजा तय करने के लिये हमारे महासंघ की अदालत के पास भेजा जाएगा. बीटी ने कहा, इसमें पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी और कुछ भी छिपाया नहीं जाएगा.