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राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलकों का शानदार प्रदर्शन, जानें क्या है उनकी सफलता का राज

गोल्ड कोस्ट : हर साल 500 से ज्यादा डोप टेस्ट, विशेष खुराक तथा जर्मनी से आये पोषक सप्लीमेंट 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय भारोत्तोलकों की सफलता का राज है. भारतीय भारोत्तोलन टीम पांच स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक लेकर कल स्वदेश लौटेगी. इस खेल में भारत पदक तालिका […]


गोल्ड कोस्ट :
हर साल 500 से ज्यादा डोप टेस्ट, विशेष खुराक तथा जर्मनी से आये पोषक सप्लीमेंट 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में पांच स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय भारोत्तोलकों की सफलता का राज है. भारतीय भारोत्तोलन टीम पांच स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक लेकर कल स्वदेश लौटेगी. इस खेल में भारत पदक तालिका में अव्वल रहा. खेलों के दौरान पूर्णकालिक फिजियो साथ नहीं होने के बावजूद भारतीय भारोत्तोलकों का यह प्रदर्शन सराहनीय है.

अभ्यास सत्र के दौरान हर भारोत्तोलक के पास कोच नहीं था क्योंकि साथ आये कोच प्रतिदिन प्रतिस्पर्धा स्थल पर रहते थे. भारत के राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने कहा ,‘इस प्रदर्शन के पीछे पिछले चार साल की मेहनत है. हमने प्रशिक्षण के तरीकों में बदलाव किये और खिलाड़ियों के आहार में भी.’ उन्होंने कहा ,‘ साइ की मेस में हर खिलाड़ी के लिए समान आहार होता है लेकिन अलग- अलग खेलों में अलग खुराक की जरूरत होती है. हमने अलग खुराक मांगी जिसमें जर्मनी से आये पोषक सप्लीमेंट और विशेष खुराक यानी मटन और पोर्क शामिल थे .’ भारत के लिए मीराबाई चानू ( 48 किलो ), संजीता चानू ( 53 किलो), सतीश शिवलिंगम ( 77 किलो ), आर वेंकट राहुल ( 85 किलो ) और पूनम यादव ( 69 किलो ) ने स्वर्ण पदक जीते जबकि पी गुरूराजा ( 56 किलो ) और प्रदीप सिंह ( 105 किलो ) को रजत पदक मिले.

विकास ठाकुर ( 94 किलो ) और दीपक लाठेर ( 69 किलो ) ने कांस्य पदक जीते. शर्मा ने कहा ,‘ इन बच्चों ने पिछले चार साल में राष्ट्रीय शिविर से 10 – 12 दिन से ज्यादा की छुट्टी नहीं ली . इतना अनुशासित इनका प्रशिक्षण रहा. ‘ कोच ने यह भी कहा कि डोपिंग से निपटने के लिए भी कड़े कदम उठाये गये. उन्होंने कहा ,‘‘ हमने राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी की मदद से हर साल 500 से ज्यादा डोप टेस्ट किये. आप रिकार्ड देख सकते हैं. हमने डोपिंग को लेकर खिलाड़ियों के मन में डर पैदा किया.’

मीराबाई चानू ने विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास

उन्होंने कहा ,‘ खिलाड़ी धोखा क्यों करते हैं क्योंकि उनकी खुराक अच्छी नहीं होती. हमने उनकी खुराक का पूरा ध्यान रखा.’ भारतीयों का प्रदर्शन भले ही राष्ट्रमंडल खेलों में यादगार रहा लेकिन पूर्णकालिक फिजियो की कमी जरूर खली. शर्मा ने कहा ,‘ हम कल प्लस 105 किलो में भी पदक जीत सकते थे लेकिन गुरदीप सिंह की कमर में तकलीफ थी और फिजियो बहुत जरूरी था. हमने अधिकारियों को लिखा है कि भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए. उम्मीद है कि इस प्रदर्शन के बाद हमारी सुनी जायेगी.’

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