किदांबी श्रीकांत ने रचा इतिहास, दुनिया के नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी बने

नयी दिल्ली : किदांबी श्रीकांत इतिहास रचते हुए विश्व बैडमिंटन महासंघ ( बीडब्ल्यूएफ ) द्वारा जारी की गयी सूची में दुनिया के पहले नंबर के पुरुष एकल खिलाड़ी बन गए. आधिकारिक रैंकिंग शुरू होने के बाद वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गये हैं. आधुनिक समय में कंप्यूटर द्वारा तैयार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2018 5:46 PM

नयी दिल्ली : किदांबी श्रीकांत इतिहास रचते हुए विश्व बैडमिंटन महासंघ ( बीडब्ल्यूएफ ) द्वारा जारी की गयी सूची में दुनिया के पहले नंबर के पुरुष एकल खिलाड़ी बन गए.

आधिकारिक रैंकिंग शुरू होने के बाद वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गये हैं. आधुनिक समय में कंप्यूटर द्वारा तैयार की जाने वाली रैंकिंग प्रणाली शुरू किए जाने से पहले महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण को एक समय विश्व का नंबर एक खिलाड़ी माना जाता था.इस तरह श्रीकांत साइना नेहवाल के बाद दूसरे भारतीय बन गए जिसे यह सम्मान हासिल हुआ है. साइना 2015 में महिलाओं की एकल रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंची थी. श्रीकांत ने यह उपलब्धि पिछले साल के अपने शानदार प्रदर्शन के बाद हासिल की और उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था.

गोपीचंद एकेडमी में प्रशिक्षण पाने वाले श्रीकांत ने कहा , मैं पहली बार विश्व नंबर एक बनने और प्रकाश सर के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला भारतीय पुरुष बनने पर निश्चित रूप से खुश हूं. उन्होंने कहा , यह गोपी सर , मेरे परिवार , मेरे दूसरे कोच एवं सहयोगी स्टाफ , मेरी टीम गोस्पोट्र्स फाउंडेशन , मेरे प्रायोजकों और इन तमाम वर्षों में मुझमें विश्वास दिखाने वाले हर इंसान की कड़ी मेहनत का परिचायक है.

मौजूदा विश्व चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन चोट के कारण बैडमिंटन से दूर रहे और पिछला साल अप्रैल में जीता गया अपना मलेशिया ओपन का खिताब बरकरार रखने में नाकाम रहे और इसके बाद दूसरे स्थान पर खिसक गए. इस साल मलेशिया ओपन राष्ट्रमंडल खेलों के कारण आगे खिसका दिया गया है. विक्टर को जनवरी में टखने की चोट के कारण इंडोनेशिया मास्टर्स से बीच में ही हटना पड़ा था और इसके बाद वह इंडिया ओपन , ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप , यूरोपियन चैंपियनशिप में भी नहीं खेल पाये.

बैडमिंटन कोर्ट से दूर रहने के कारण उन्होंने अपने कुल 77,130 अंकों में से 1,660 अंक गंवा दिए जिससे उनके अंक 75,470 हो गए जबकि श्रीकांत ने कुल 76,895 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल कर लिया. पिछले साल इंडोनेशिया , ऑस्ट्रेलिया , डेनमार्क और फ्रांस में एक के बाद एक चार खिताब जीतकर रैंकिंग में इतने ऊपर आये.

उन्होंने मौजूदा राष्ट्रमंडल खेलों में मलेशिया के महान बैडमिंटन खिलाड़ी ली चोंग वेई को सीधे गेम में हराकर भारत को मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक भी दिलाया. इस 25 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा , यह एक शानदार साल रहा लेकिन मेरे और भी कई लक्ष्य हैं एवं इस समय मेरा ध्यान बड़ी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने तथा और उपलब्धियां हासिल करने पर है.

राष्ट्रमंडल खेल चल रहे हैं और इस साल एशियाई खेल भी हैं. 2014 में बैडमिंटन के महानतम खिलाड़ी लिन डैन को हराकर चाइना ओपन का खिताब जीतने वाले श्रीकांत ने कहा , मेरा लक्ष्य दो साल के बाद तोक्यो ओलंपिक में देश के लिए गौरव हासिल करना भी है. मैं मुझमें विश्वास करने के लिए सबका आभार जताता हूं और उम्मीद करता हूं कि और भी भारतीय उत्कृष्टता की तरफ बढ़ने की अपनी कोशिश जारी रखेंगे.

भारतीय बैडमिंटन संघ ( बीएआई ) के अध्यक्ष हेमंत विश्व सरमा ने श्रीकांत की तारीफ करते हुए कहा , यह भारतीय बैडमिंटन के लिए शानदार है और मेरा मानना है कि श्रीकांत की बेहतरीन उपलब्धि से दूसरे खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन और रैंकिंग में ऊपर जाने का लक्ष्य बनाने के लिए प्रेरित होंगे.

उन्होंने कहा , मैं उन्हें बधाई देना चाहूंगा और विश्वास करता हूं कि वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. दूसरे भारतीयों में ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधु इस समय तीसरे स्थान पर जबकि साइना नेहवाल 12 वें स्थान पर हैं. वहीं एच एस प्रणय एक पायदान का सुधार करते हुए 11 वें स्थान पर पहुंच गए हैं.

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