दो बैडमिंटन, स्क्वॉश और टेबल टेनिस कोर्ट का उदघाटन, पीवी सिंधु ने कहा, आप भी बन सकते हैं स्टार

II दिवाकर सिंह II रांची : ओलिंपियन पीवी सिंधु और बैडमिंटन के नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद रविवार को रांची में थे. मौका था जेएससीए स्टेडियम में रैकेट्स की ओपनिंग का. इस कॉम्लेक्स में दो बैडमिंटन कोर्ट के साथ स्क्वॉश और टेबल टेनिस कोर्ट का उदघाटन किया गया. उदघाटन के साथ पुलेला गोपीचंद और पीवी सिंधु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2018 9:06 AM
II दिवाकर सिंह II
रांची : ओलिंपियन पीवी सिंधु और बैडमिंटन के नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद रविवार को रांची में थे. मौका था जेएससीए स्टेडियम में रैकेट्स की ओपनिंग का. इस कॉम्लेक्स में दो बैडमिंटन कोर्ट के साथ स्क्वॉश और टेबल टेनिस कोर्ट का उदघाटन किया गया. उदघाटन के साथ पुलेला गोपीचंद और पीवी सिंधु ने रैकेट थामा और एक-दूसरे के साथ बैडमिंटन खेला.
फिर दोनों ने छोटे-छोटे बच्चों के साथ भी बैडमिंटन खेला. पीवी सिंधु ने कहा कि किसी भी खेल में सिर्फ हार्ड वर्क और डेडिकेशन की जरूरत है. इसके बाद ही आप स्टार खिलाड़ी बन सकते हैं. यहां उपलब्ध सुविधाएं बेहतर हैं. हमारे समय में ऐसी सुविधाएं नहीं थीं. यहां के बच्चे इसका फायदा उठायें और आगे बढ़ें. अपने खेल को बेहतर करें और मुकाम हासिल करें.
पहली बार में ही रांची भा गयी
बैडमिंटन स्टार सिंधु ने कहा कि मैं पहली बार रांची आयी हूं. मुझे यहां खेल का माहौल और यहां का मौसम बहुत बेहतर लगा. जब यहां पहुंची, तो मौसम काफी गर्म था, लेकिन शाम में अचानक ही बारिश शुरू हुई और मौसम बदल गया. साथ ही क्रिकेट के इस स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट के साथ बाकी खेल की सुविधा मिलना अपने आप में बेहतर है.
युवा मेहनत करें, आगे बढ़ें, सुविधा का फायदा उठायें
पीवी सिंधु ने कहा : अपने खेल के लिए मैंने और माता-पिता ने बहुत त्याग किया है, जिसका रिजल्ट आपके सामने है. युवा मेहनत करें और आगे बढ़ें. यहां मैंने कई छोटे बच्चों को खेलते हुए देखा है. वे अच्छा कर रहे हैं. उन्हें और भी डेडिकेशन की जरूरत है. मेरा मानना है कि यह कहना आसान नहीं होता है कि नेशनल कंपीटिशन आपने जीत लिया, तो आप बड़े खिलाड़ी बन जाते हैं. इसके लिए आपको और भी मेहनत करने की जरूरत है. आज के समय में नये खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मिलती है, जिसका फायदा उन्हें उठाना चाहिए.
लक्ष्य तक पहुंचने के लिए त्याग की है जरूरत
सिंधु ने कहा : जब मैं ओलिंपिक की तैयारी कर रही थी, तो गोपीचंद सर ने कहा था कि तुम्हें कुछ चीजों से दूर रहना होगा. मैंने लगातार मेहनत की और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए त्याग भी किया. खिलाड़ी अपने कोच की बात सुनें और उनके निर्देश का पालन करें. एक बेहतर और चैंपियन खिलाड़ी बनने के लिए कुछ समझौता करना पड़ता है.
अपने पहले ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से चूक गयी. मैं आगे बेहतर करूंगी और कोशिश रहेगी कि अगले ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतूं. उन्होंने कहा कि यहां तक पहुंचने में माता-पिता ने बहुत सपोर्ट किया. बाकी पैरेंट्स को भी बताना चाहती हूं कि बच्चों में खेल का माहौल पैदा करें. इस मौके पर पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना, वी चामुंडेश्वरनाथ, जेएससीए प्रेसीडेंट कुलदीप सिंह, सचिव देवाशीष चक्रवर्ती, उपाध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव आदि मौजूद थे.
पुलेला गोपीचंद ने कहा खेल के प्रति बदल रहा है सबका नजरिया
बैडमिंटन के नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि कॉमनवेल्थ में सबने देखा कि हमारे खिलाड़ियों ने बेहतर रिजल्ट दिया है. अब क्रिकेट के अलावा भी बाकी खेलों को बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. आज के समय में खेल के प्रति सबका नजरिया बदल रहा है. मेरा मानना है कि हमारे खिलाड़ी सोसाइटी के लिए महत्वपूर्ण हैं और माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्चों को खेल से जोड़ें और उन्हें एक बेहतर माहौल दें.
15 साल की मेहनत का परिणाम है सिंधु
गोपीचंद ने कहा कि किसी भी खेल में हार्ड वर्क और लगन की जरूरत है. सिंधु जब अकादमी में आयी थी, तो बच्ची थी. वह दो या तीन साल में इस स्तर तक नहीं पहुंची. बल्कि इसके पीछे 15 वर्षों की कड़ी मेहनत है. कड़ी मेहनत का परिणाम है जिसकी वजह से वह ओलिंपिक तक पहुंची. भविष्य में और भी खिलाड़ी सामने आयेंगे. मेरा मानना है कि खेल में नेचुरल स्किल के साथ मेहनत की भी जरूरत है. इसे सिंधु ने साबित कर दिया है.
वंडरफुल स्टेडियम : गोपीचंद ने कहा कि यह स्टेडियम वंडरफुल है. एक ही छत के नीचे कई खेल की सुविधा. यहां के खिलाड़ियों को इसका फायदा उठाना चाहिए. बैडमिंटन में बेहतर खिलाड़ी बनना चाहते हैं, तो एक लक्ष्य तय करने की जरूरत है. इसके बाद वो तैयारी के लिए जुटें और आगे बढ़ें.
बारिश के कारण देर से शुरू हुआ कार्यक्रम
इसके पहले रैकेट्स का उद्घाटन करने के लिए पीवी सिंधु और पुलेला गोपीचंद दोपहर में ही रांची पहुंच गये थे. एयरपोर्ट पर जेएससीए की ओर से उनका स्वागत किया गया. इसके बाद होटल चले गये. तय समय के अनुसार जब स्टेडियम आने वाले थे, तभी बारिश शुरू हो गयी और प्रोग्राम के लिए बनाया गया पंडाल अव्यवस्थित हो गया. इसे ठीक करने में एक घंटे से अधिक का समय लगा. इसके कारण प्रोग्राम देर से शुरू हुआ.
यह सुविधा झारखंड के लिए : अमिताभ
बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा कि मान्यता है कि यदि कोई प्रोग्राम हो और बारिश शुरू हो जाये, तो उसे शुभ माना जाता है.
यहां भी ऐसा ही हुआ. हमारा झारखंड इतना सुंदर है कि इसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती. पूरे देश में रांची एक ऐसा शहर है, जिसने हॉकी में गोल्ड मेडल कप्तान और क्रिकेट वर्ल्ड कप दिलाने वाला कप्तान दिया है. इस स्टेडियम में शुरू की गयी सुविधा किसी खास के लिए नहीं है बल्कि पूरी रांची और झारखंड के लिए है.

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