हरियाणा सरकार एथलीटों से कमाई में हिस्सा मांग रही थी, सीएम ने लगायी रोक

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के अपने विभागों में कार्यरत खिलाड़ियों से व्यावसायिक और पेशेवर प्रतिबद्धताओं से होने वाली उनकी कमाई का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा कराने की बात कहने के बाद विवाद खड़ा हो गया. शीर्ष खिलाड़ियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की, तो सरकार ने इस अधिसूचना पर रोक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2018 7:40 AM

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार के अपने विभागों में कार्यरत खिलाड़ियों से व्यावसायिक और पेशेवर प्रतिबद्धताओं से होने वाली उनकी कमाई का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा कराने की बात कहने के बाद विवाद खड़ा हो गया. शीर्ष खिलाड़ियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की, तो सरकार ने इस अधिसूचना पर रोक लगा दी.

मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने ट्वीट किया, ‘मैंने खेल विभाग में इस फैसले संबंधित फाइल को मुझे दिखाने और 30 अप्रैल की इस अधिसूचना को अगले आदेश तक रोकने को कहा है. हमें अपने खिलाड़ियों के योगदान पर गर्व है और मैं उन्हें प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन देता हूं.’

मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप खेल एवं युवा विभाग के प्रमुख सचिव अशोक खेमका द्वारा जारी की गयी अधिसूचना पर खिलाड़ियों की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद हुआ है. अधिसूचना के अनुसार, खिलाड़ियों की पेशेवर खेलों या व्यावसायिक विज्ञापनों से होने वाली कमाई का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा राज्य खेल परिषद में जमा किया जायेगा. इस राशि का इस्तेमाल राज्य में खेलों के विकास के लिए किया जायेगा.

खेमका कुछ साल पहले भूमि पंजीकरण विभाग में प्रमुख के कार्यकाल के दौरान सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा पर जमीन के सौदों में अनियमितता का आरोप लगाया था. इसमें कहा गया हैकि अगर खिलाड़ी को संबंधित अधिकारी की पूर्व अनुमति के बाद पेशेवर खेलों या व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं में भाग लेते हुए ड्यूटी पर कार्यरत समझा जाता है, तो इस हालत में खिलाड़ी की पूरी आय हरियाणा राज्य खेल परिषद के खाते में जमा की जायेगी.

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