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फेडरर की निगाह 9वें विंबलडन खिताब पर, नडाल बन सकते हैं रास्‍ते का रोड़ा

लंदन : पिछले सप्ताहांत हाले ग्रासकोर्ट के फाइनल में बोर्ना सिलिच से हारने के बावजूद रोजर फेडरर विंबलडन में अपने नौवें खिताब के लिये प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे. फेडरर ने पिछले साल फाइनल में मारिन सिलिच को हराकर रिकार्ड आठवां खिताब जीता था. इससे वह टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज चैंपियन भी बने […]

लंदन : पिछले सप्ताहांत हाले ग्रासकोर्ट के फाइनल में बोर्ना सिलिच से हारने के बावजूद रोजर फेडरर विंबलडन में अपने नौवें खिताब के लिये प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे.

फेडरर ने पिछले साल फाइनल में मारिन सिलिच को हराकर रिकार्ड आठवां खिताब जीता था. इससे वह टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज चैंपियन भी बने थे. यह जीत उन्हें पूरे क्लेकोर्ट सत्र में नहीं खेलने के बाद मिली थी और यही रणनीति उन्होंने इस बार भी अपनायी है. इस बीच इस 37 वर्षीय स्विस खिलाड़ी ने राफेल नडाल को रिकार्ड 11 वां फ्रेंच ओपन खिताब जीतने हुए देखा जो अब विंबलडन में भी अपनी शानदार फार्म जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं.

फेडरर ने कहा, मुझे वास्तव में विंबलडन में खेलना पसंद है लेकिन मौजूदा चैंपियन होने का हमेशा दबाव रहता है. मैं हाले में हारा या जीता, इसके बावजूद मैं विंबलडन में खिताब के दावेदारों में शामिल रहूंगा.

फेडरर ने अपना पहला ग्रैंडस्लैम विंबलडन के रूप में 2003 में जीता था. इसके बाद उन्होंने आल इंग्लैंड क्लब में सात और खिताब अपने नाम किये. इस बीच नडाल ने दो, नोवाक जोकोविच ने तीन और एंडी मर्रे ने दो बार खिताब जीते. नडाल को फेडरर ने खिताब के दावेदारों में शामिल किया है.

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि राफा खिताब के दावेदारों में है. जब राफा फिट होता है तो फिर वह कुछ भी कर सकता है. विश्व के नंबर एक खिलाड़ी ने 2008 और 2010 में यहां खिताब जीता लेकिन यहां से उनकी कुछ कड़वी यादें भी जुड़ी हैं. वह 2011 के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन इसके बाद वह यहां चौथे दौर से आगे नहीं बढ़ पाये.

फ्रेंच ओपन जीतने के बाद नडाल ने संकेत दिये थे कि वह विंबलडन से हट सकते हैं लेकिन मार्लोका में वह ग्रास कोर्ट पर अभ्यास कर रहे हैं और इस टूर्नामेंट में खेलने के लिये तैयार हैं. नडाल ने कहा, मैं कम तैयारियों के साथ विंबलडन में आऊंगा लेकिन मैं आत्मविश्वास से भरा हूं क्योंकि पूरे क्लेकोर्ट सत्र में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया.

जोकोविच ने भी संकेत दिये थे कि वह विंबलडन से बाहर बैठ सकते हैं लेकिन क्वीन्स के फाइनल में पहुंचने से उन्होंने खोया आत्मविश्वास फिर से हासिल कर लिया है.

पूर्व चैंपियन मर्रे कूल्हे की चोट से परेशान हैं लेकिन क्वीन्स में हारने के बाद उन्होंने ईस्टबोर्न में अच्छी वापसी की. विश्व के नंबर तीन अलेक्सांद्र जेवरेव से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.

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