एशियाई खेल : साइकिलिंग में पदकों का सूखा खत्म करने के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार

नयी दिल्ली : अगले सप्ताह शुरू हो रहे एशियाई खेलों में भारतीय साइकिलिस्ट पदकों का लंबा इंतजार खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. एशियाई खेलों में साइकिलिंग की शुरुआत 1951 में भारत की मेजबानी में हुई थी जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने तीन पदक (एक रजत और दो कांस्य) जीते थे लेकिन इसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2018 3:43 PM

नयी दिल्ली : अगले सप्ताह शुरू हो रहे एशियाई खेलों में भारतीय साइकिलिस्ट पदकों का लंबा इंतजार खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. एशियाई खेलों में साइकिलिंग की शुरुआत 1951 में भारत की मेजबानी में हुई थी जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने तीन पदक (एक रजत और दो कांस्य) जीते थे लेकिन इसके बाद भारत इस खेल में कभी पदक नहीं जीत सका.

पीसीआरए सक्षम पैडल कार्यक्रम के लिये यहां पहुंची भारतीय साइकिलिस्ट नयना राजेश और ई चाओबा देवी ने कहा कि खिलाड़ियों की तैयार इस बार अच्छी हैं और टीम पदक की दावेदार होगी. एशियाई खेलों में पहली बार अपनी चुनौती पेश करने के लिए तैयार नयना ने कहा, हमारी तैयारियां अच्छी हैं, हम पिछले एक साल से लगातार प्रशिक्षण कर रहे हैं.

मैं व्यक्तिगत और टीम स्पार्धाओं में भाग ले रही हूं लेकिन हमारा ज्यादा ध्यान चार खिलाड़ियों की टीम स्पर्धा पर है जिसमें हम अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछली एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली चाओबा ने कहा, मैं एशियाई खेलों में दूसरी बार जरूर जा रही हूं लेकिन मुझे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का ज्यादा अनुभव नहीं है.

इससे पहले मैंने 2014 एशियाई खेलों और 2016 में गुवाहाटी में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में भाग लिया था. यह जरूर है कि हमारी तैयारियों में कोई कमी नहीं है. हम अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे. पदक की संभावना पूछे जाने पर उन्होंने कहा, उम्मीद हैं कि इस बार पदकों का इंतजार खत्म होगा क्योंकि पिछले कुछ समय से महासंघ ने हमें अच्छी सुविधाएं मुहैया करायी है.

हम अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे, देखते हैं वह पदक में बदलता है कि नहीं. भारतीय साइकिलिंग महासंघ के महासचिव ओंकार सिंह ने कहा, एशियाई खेलों में हमारे 15 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. हमारी स्प्रींटिंग टीम पिछले तीन महीने से जर्मनी में तैयारी कर रही हैं. व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ी दिल्ली में ही तैयारी कर रहे है.

ओमकार हालांकि पदक को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं देखी और इशारों-इशारों में उन्होंने महासंघ के पूर्व प्रशासकों को इसका जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा, पदक की संभावनाओं के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकूंगी. हमारा सफर तीन साल पहले शुरू हुआ (जब वह महासंघ में अधिकारी बने) और पदक तक पहुंचने के लिए आठ से दस साल का समय चाहिए लेकिन हम अपने कार्यक्रम के बूते चार साल आगे चल रहे है.

हमारा मुख्य लक्ष्य 2020 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना और 2024 ओलंपिक में पदक जीतना है. टीम को पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद महिला खिलाड़ी देबोराह हेराल्ड से होगी जो 500 मीटर स्पर्धा में अंतराष्ट्रीय साइकिलिंग महासंघ (यूसीआई) रैंकिंग पाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी है.

भारतीय साइकिलिंग टीमें

पुरुष टीम : रंजीत सिंह, ए.बाइक सिंह, राजबीर सिंह, इसो, दिलावर, मनजीत सिंह, राजू बाटी, मनोहर लाल.

महिला टीम : देबोराह हेराल्ड, नयना राजेश, ई चावो देवी, मेघा, अलीना रेजी, सोनाली चारू, मनोरमा देवी.

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