नयी दिल्ली : खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भारतीय खिलाड़ियों और अधिकारियों से अगले हफ्ते इंडोनेशिया में शुरू होने वाले एशियाई खेलों के दौरान मैदान के अंदर और बाहर जिम्मेदार होने की बात कही. भारत ने 18 अगस्त से दो सितंबर तक जकार्ता और पालेमबांग में होने वाले एशियाई खेलों के लिये 572 एथलीट सहित 800 से ज्यादा सदस्यों का दल भेजा है.
राठौड़ ने यहां भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा भारतीय दल के लिये आयोजित रवानगी समारोह में कहा, ‘आप एथलीट इन खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हो, यह सम्मान की बात है और आपने यह सम्मान हासिल किया है. जब आप खेलों में हिस्सा लोगे और खेल गांव में रहोगे तो आपकी व्यक्तिगत पहचान नहीं होगी बल्कि आपकी पहचान सिर्फ ‘भारत’ के नाम से होगी.’
उन्होंने कहा, ‘यह आपके लिये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. आप मैदान के अंदर और बाहर कुछ भी करो, तो कृपया एक चीज याद रखना कि आप अरब लोगों के देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हो. आप भले ही एथलीट हो या अधिकारी, हर किसी को यह बात हर समय याद रखनी चाहिए.’ आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा, महासचिव राजीव मेहता, भारतीय दल के दल प्रमुख ब्रिज भूषण सिंह शरण इस समारोह के दौरान उपस्थित थे। देश के शीर्ष एथलीट जैसे हाकी स्टार सरदार सिंह इस मौके पर मौजूद थे.
आर के साचेती सहित चार सहायक दल प्रमुख का भी परिचय कराया गया. राठौड़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत पिछले चरण से ज्यादा पदक अपने नाम करेगा लेकिन साथ ही कहा कि इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ी नतीजों के बारे में ज्यादा सोच विचार नहीं करें.
उन्होंने कहा, ‘आप इतने वर्षों से तैयारी कर रहे हो और आपका सपना पदक जीतने का ही होगा. अब आप टूर्नामेंट के निकट पहुंच गये हो। मैं आपको सलाह दूंगा कि आप खुद पर भरोसा बनाये रखें कि इतने हजारो घंटो की ट्रेनिंग और कड़ी मेहनत आपकी मदद करेगी. कृपया आप अपने नतीजों को देखकर ज्यादा चिंतित मत होना और आपको अपनी काबिलियत पर भरोसा रखना चाहिए. ऐसा करोगे तो परिणाम अपने आप ही मिल जायेंगे.’
राठौड़ ने कहा, ‘मैंने भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह और दृढ़निश्चय देख है जिसमें 1990 दशक की तुलना में काफी ज्यादा बदलाव आया है, भले ही यह 15 साल का खिलाड़ी हो या 40 साल का खिलाड़ी. मैं इन खिलाड़ियों को तैयार करने के लिये आईओए और राष्ट्रीय खेल महासंघों को बधाई देता हूं. हमें मिलजुलकर काम करना होगा, कोई भी अकेले काम नहीं कर सकता. अंतत: यह भारतीय खेलों के लिये अच्छा है.’
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए राठौड़ ने कहा कि एशियाई खेलों के लिये खिलाड़ियों का चयन करना आईओए और एनएसएफ का विशेषाधिकार है और मंत्रालय इसमें तब तक हस्तक्षेप नहीं करना चाहती जब तक इसमें बड़ी विसंगति नहीं हो. उन्होंने कहा, ‘एशियाई खेलों के दल की चयन प्रक्रिया के संबंध में हम इसकी जिम्मेदारी आईओए और एनएसएफ पर ही छोड़ देंगे. सही यही होगा कि इस प्रक्रिया में ज्यादा लोग शामिल नहीं हों. इसलिये चयन की जिम्मेदारी आईओए पर ही होगी लेकिन अगर कही भी विसंगति या कोई बड़ा मुद्दा हमारे सामने लाया जाता है तो हम इसे जरूर देंगें.’
राठौड़ ने कहा, ‘आईओए की सिफारिश को हम सम्मान देंगे.’ उन्होंने कहा कि वह ऐसी व्यवस्था के पक्षधर हैं जिसमें खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाती है. उन्होंने कहा, ‘जब मैं सक्रिय खिलाड़ी था तो मैं अकसर सुनता था कि खेल मंत्रालय के पास ज्यादा धन नहीं है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. शीर्ष खिलाड़ियों के लिये, जो महाद्वीप और विश्व स्तर पर भाग लेते हैं, उनकी फंडिंग के लिये धन की कमी नहीं है.’
कुछ दिन पहले राठौड़ ने अगले साल तक स्कूलों में पाठ्यक्रम को 50 प्रतिशत कम करने की अनिवार्यता की बात की थी ताकि बच्चे खेलों में ध्यान लगा सकें. इस संबंध में पूछने पर राठौड़ ने कहा, ‘मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस मुद्दे को देख रहे हैं. जावड़ेकर जी से मैंने जो कुछ सुना है कि 2019 तक पाठ्यक्रम घटा दिया जायेगा और गेम पीरियड अनिवार्य होगा.’ वहीं बत्रा ने उम्मीद जतायी कि देश इस बार पिछले चरण से ज्यादा पदक अपनी झोली में डालेगा.
उन्होंने कहा, ‘हमने 800 से बड़ा दल चुना है जिसमें 572 एथलीट शामिल है और हम 36 स्पर्धाओं में भाग लेंगे. मैं उम्मीद कर रहा हूं कि हम पिछले चरण से ज्यादा पदक अपने नाम करेंगे.’ मेहता ने सूचित किया कि मुख्य प्रायोजक एडेलवीस ने सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों के लिये जीवन बीमा कवर के लिये 50 लाख रूपये बढ़ाने को सहमति दे दी है.