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#AsianGames2018 : भारत ने कांस्‍य से खाता खोला, अपूर्वी और रवि ने शूटिंग में जीता मेडल

पालेमबांग : भारत ने रविवार को यहां अपूर्वी चंदेला और रवि कुमार के दबाव में हासिल किये गये राइफल मिश्रित टीम निशानेबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक की मदद से 18वें एशियाई खेलों में खाता खोला. भारतीय निशानेबाजों ने 48 शाट के फाइनल में 42 शॉट में 429.9 अंक जुटाये और वे ज्यादातर समय दूसरे स्थान […]

पालेमबांग : भारत ने रविवार को यहां अपूर्वी चंदेला और रवि कुमार के दबाव में हासिल किये गये राइफल मिश्रित टीम निशानेबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक की मदद से 18वें एशियाई खेलों में खाता खोला.

भारतीय निशानेबाजों ने 48 शाट के फाइनल में 42 शॉट में 429.9 अंक जुटाये और वे ज्यादातर समय दूसरे स्थान पर चल रहे थे लेकिन बाद में चीन ने उन्हें पछाड़कर रजत पदक हासिल किया. चीन के रूओजू झाओ और हाओरान यांग की मजबूत जोड़ी ने 492.5 अंक जुटाये जबकि चीनी ताइपे की यिंगशिन लिन और शाओचुआन लू की जोड़ी ने 494.1 अंक से स्वर्ण पदक अपने नाम किया.

कोरिया और मंगोलिया ने इन खेलों में पहली बार करायी गयी इस स्पर्धा में क्रमश: चौथा और पांचवां स्थान हासिल किया. अपूर्वी का यह पहला एशियाई पदक है जो 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में पदक का रंग बेहतर करना चाहेंगी.

वह विश्व कप में कई बार की विजेता हैं और ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. वहीं विश्व कप कांस्य पदकधारी रवि ने इंचियोन में पिछले चरण में पुरुष 10 मीटर राइफल टीम स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था, उनके मेंटर महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा हैं.

अपूर्वी देश के लिये इन खेलों में पहला पदक जीतने के बाद अपने प्रदर्शन से संतुष्ट थीं. उन्होंने कहा, हमारा एक साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन विश्व कप में चौथा स्थान रहा था और हमने इसमें सुधार किया है. एशियाई खेलों का यह मेरा पहला पदक है और यहां भारत के लिये मेरा पहला पदक है.

मैं बहुत खुश हूं लेकिन मेरा ध्यान कल होने वाली मुख्य स्पर्धा (10 मी राइफल) पर लगा हुआ है. दूसरे से तीसरे स्थान पर खिसकने के बारे में अपूर्वी ने कहा, ऐसा निशानेबाजी में होता है. मुझे लगता है कि हमने अच्छे निशाने लगाये थे.

रवि ने कहा, यह कांस्य पदक अपूर्वी की वजह से ही मिला है. ठीक ठाक क्वालीफिकेशन के बाद फाइनल निराशाजनक रहा. हमें एक दूसरे साथ ट्रेनिंग करने का काफी समय नहीं मिला. पहली सीरीज के बाद भारत 102.9 अंक से दूसरे स्थान पर था जबकि कोरिया 103.4 से बढ़त बनाये था. भारत तीसरी सीरीज के बाद इसी स्थान पर रहा लेकिन चीनी जोड़ीदारों ने सुधार करते हुए दूसरा स्थान छीन लिया.

मंगोलिया सबसे पहले बाहर हुआ और उसके बाद कोरिया. इससे पहले दोनों ने क्वालीफिकेशन में 835.3 अंक का स्कोर बनाकर दूसरे स्थान से फाइनल के लिये क्वालीफाई किया. मनु भाकर और अभिषेक वर्मा की पिस्टल मिश्रित टीम को निराशा हाथ लगी क्योंकि वे कजाखस्तान के साथ संयुक्त रूप से बराबर रहने के बाद फाइनल्स के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके.

दोनों टीमों ने 80 शाट के बाद 759 अंक जुटाये थे जिसके बाद कजाखस्तान (25) ने भारत (14) की तुलना में ज्यादा इनर 10 की बदौलत पांचवां और अंतिम क्वालीफिकेशन स्थान हासिल किया.

पिस्टल कोच जसपाल राणा ने कहा, मनु अपनी काबिलियत के अनुसार निशाना नहीं लगा सकी. वह अंत में खुद से नाराज थी. उसे अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने पर काम करने की जरूरत है. अभिषेक को सीखना होगा कि बड़े टूर्नामेंट में होने वाले दबाव से कैसे उबरा जाये. दोनों सीख जायेंगे.

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