#AsianGames दीपक कुमार ने 10 मीटर एयर राइफल में रजत जीता

पालेमबांग: भारत के दीपक कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 18वें एशियाई खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता. निशानेबाजी में भारत का यह दूसरा पदक है. चीन के गत चैंपियन यांग हाओरान ने 249.1 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता. इसे भी पढ़ें पीवी सिंधु एशियन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2018 1:08 PM

पालेमबांग: भारत के दीपक कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 18वें एशियाई खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता. निशानेबाजी में भारत का यह दूसरा पदक है. चीन के गत चैंपियन यांग हाओरान ने 249.1 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता.

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दीपक 18वें शाॅट तक पदक की दौड़ में नहीं थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने 10.9 का परफेक्ट स्कोर करके 247.7 अंक के साथ रजत पदक हासिल किया. कांस्य पदक चीनी ताइपै के लू शाओचुआन को मिला, जिन्होंने 226.8 का स्कोर किया.

मिश्रित टीम स्पर्धा में अपूर्वी चंदेला के साथ रविवारको कांस्य जीतने वाले रवि कुमार पदक से चूक गये. वह 20वें शाॅट के बाद बाहर हो गये. उनका स्कोर 205.2 रहा. दिल्ली के दीपक के लिए यह बड़ी स्पर्धा में पहला व्यक्तिगत पदक है. उन्होंने इस साल मेहुली घोष के साथ विश्व कप मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक जीता था.

दीपक और रवि इससे पहले 60 शाॅट के क्वालिफिकेशन दौर में चौथे और पांचवें स्थान पर रहे थे. शीर्ष आठ निशानेबाजों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. दीपक ने फाइनल में 10.9 स्कोर करके रवि को पछाड़ा. फाइनल में जब वह पिछड़ रहे थे, तब उन्होंने अपने कोच मनोज कुमार की बात याद की.

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दीपक ने कहा, ‘मैं क्वालिफिकेशन में भी पीछे था. मैंने उनके शब्दों को याद किया. वह कहते हैं कि आपको अपनी ताकत और सीमाएंपता हैं. शुरुआत अच्छी नहीं थी और बीच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका, लेकिन मुझे संयम बनाये रखना था.’

दीपक पिछले साल ही भारतीय टीम में आये, जबकि 2004 से निशानेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पदक शुरुआत भर है. उन्होंने कहा, ‘हर कोई यह सोचता है कि उसे क्या मिलेगा.मैंने अपने गुरुकुल में सीखा है कि आपको आपका हिस्सा मिल ही जायेगा. दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है. जिंदगी बहुत छोटी है.’

दीपक के माता-पिता ने उन्हें देहरादून में गुरुकुल अकादमी भेजा था. वह धाराप्रवाह संस्कृत बोलते हैं और गुरुकुल से मिली शिक्षा को फैलाने की कोशिश करते हैं.

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