एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज बनीं राही
पालेमबांग : राही सरनोबत एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली बुधवार को पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गयीं. उन्होंने यहां महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में दो बार शूट ऑफ से गुजरने के बाद यह उपलब्धि हासिल की. इस 27 वर्षीय निशानेबाज ने जकाबारिंग शूटिंग रेंज में खेलों के नये रिकार्ड के साथ […]
पालेमबांग : राही सरनोबत एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली बुधवार को पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गयीं. उन्होंने यहां महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में दो बार शूट ऑफ से गुजरने के बाद यह उपलब्धि हासिल की.
इस 27 वर्षीय निशानेबाज ने जकाबारिंग शूटिंग रेंज में खेलों के नये रिकार्ड के साथ सोने का तमगा जीता. राही और थाईलैंड की नपासवान यांगपैबून दोनों का स्कोर समान 34 होने पर शूट ऑफ का सहारा लिया गया. पहले शूट ऑफ में राही और यांगपैबून ने पांच में से चार शाट लगाये. इसके बाद दूसरा शूट ऑफ हुआ जिसमें भारतीय निशानेबाज जीत दर्ज करने में सफल रही.
दक्षिण कोरिया की किम मिन्जुंग ने कांस्य पदक जीता. युवा मनु भाकर को हालांकि फाइनल में निराशा झेलनी पड़ी. उन्होंने क्वालीफिकेशन में 593 के रिकार्ड स्कोर के साथ फाइनल में जगह बनायी थी. लेकिन यह 16 वर्षीय निशानेबाज आखिर में छठे स्थान पर रही. वहीं राही ने सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनायी थी.
राही फाइनल में अधिकतर समय शीर्ष पर थीं और अपने पहले 10 शॉट एकदम निशाने पर मारे. इस उपलब्धि के साथ राही मौजूदा एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली देश की दूसरी निशानेबाज बन गयीं. मंगलवार को 16 साल के सौरभ चौधरी ने 10 मीटर पिस्टल फाइनल में स्वर्ण जीता था. राही एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की अब तक की छठी निशानेबाज हैं.
पूर्व में जसपाल राणा, रणधीर सिंह, जीतू राय और रंजन सोढ़ी स्वर्ण जीत चुके हैं. फाइनल में राही का 34 का स्कोर एशियाई खेलों का एक संयुक्त रिकार्ड है. इससे पहले 2013 में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली पिस्टल निशानेबाज बनीं राही को पिछले साल कोहनी में गंभीर चोट का सामना करना पड़ा था.
राही ने महसूस किया कि उन्हें अपने तकनीक में बदलाव करने की जरूरत है और इसलिए दो बार के विश्व विजेता एवं जर्मनी के ओलंपिक पदक विजेता मुन्खबायर दोर्जसुरेन से ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी. मूल रूप से मंगोलिया के रहने वाले दोर्जसुरेन ने कहा, ‘मुझे उसकी तकनीक बदलनी पड़ी और मैंने उसके खेल के मानसिक पहलू को लेकर भी काफी काम किया. वह पहले से ही उच्च स्तर की निशानेबाज थीं और उन्हें खेल में बदलाव लाने की जरूरत थी.
आज के फाइनल में करीबी मुकाबला था लेकिन मैंने शूट ऑफ के लिए उसे तैयार किया हुआ था. इससे पहले राही ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण और 2014 के इंचिओन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था.
महिलाओं की राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में अंजुम मोदगिल और गायत्री नित्यानंदम फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं. अंजुम ने क्वालीफिकेशन में शानदार शुरुआत की लेकिन स्टैंडिंग सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गयीं.