एशियाड कबड्डी में भारत का दबदबा खत्म, 28 साल में पहली बार स्वर्ण की दौड़ से बाहर
जकार्ता : एशियाई खेलों की कबड्डी प्रतियोगिता में चला आ रहा भारत का दबदबा गुरुवार को खत्म हो गया जब यहां सेमीफाइनल में ईरान के खिलाफ हार के साथ भारतीय पुरुष टीम फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही. एशियाई खेलों के इतिहास में पहली बार भारतीय टीम इस स्वदेशी खेल में स्वर्ण पदक के […]
जकार्ता : एशियाई खेलों की कबड्डी प्रतियोगिता में चला आ रहा भारत का दबदबा गुरुवार को खत्म हो गया जब यहां सेमीफाइनल में ईरान के खिलाफ हार के साथ भारतीय पुरुष टीम फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही.
एशियाई खेलों के इतिहास में पहली बार भारतीय टीम इस स्वदेशी खेल में स्वर्ण पदक के बिना लौटेगी. टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. इस खेल में भारत का स्वर्ण पदक पक्का माना जाता था लेकिन आज 18-27 की हार के साथ भारतीय खेमे के कुछ लोग रोने लगे जबकि अन्य सकते में आ गये.
इसके साथ ही एशियाई खेलों में 1990 से चला आ रहा भारत का दबदबा भी खत्म हो गया. थिएटर गरूड़ में भारतीय पुरुष टीम के लिए आज का दिन बुरे सपने की तरह रहा. ईरान की टीम चैंपियन की तरह खेली जबकि भारतीय टीम बिलकुल भी लय में नजर नहीं आई. निराश राष्ट्रीय कोच राम मेहर सिंह ने कहा, फारवर्ड पंक्ति आज नहीं चली और सुपरटैकल में भी समस्या थी.
इंचियोन 2014 खेलों के फाइनल में ईरान की टीम भारत को हराने के करीब पहुंची थी जिसके बाद यह हार अधिक हैरान करने वाली नहीं है. ईरान की टीम पिछले दो एशियाई खेलों में उप विजेता रही थी और इस बार स्वर्ण पदक के मुकाबले में कोरिया के खिलाफ जीत की प्रबल दावेदार होगी.
कोरिया ने भी इस बार ग्रुप चरण में भारत को हराकर सभी को चौंकाया था. इस मैच में प्रो कबड्डी लीग के खिलाड़ी आमने सामने दिखे. ईरान के बाद फाजेल अत्राचली और अबोजार मिघानी जैसे डिफेंडर हैं. भारतीय टीम में अजय ठाकुर, प्रदीप नारवाल, राहुल चौधरी, दीपक निवास हुड्डा जैसे स्टार खेले लेकिन टीम को एशियाई खेलों से पहली बार स्वर्ण पदक के बिना लौटना होगा.
भारत की शुरुआत अच्छी रही और उसने 6-4 की बढ़त बनायी लेकिन ईरान की टीम को ऑलआउट करने का मौका गंवा दिया. ईरान की टीम ने इसके बाद वापसी की. अजय ठाकुर आउट हुए और उनके माथे पर कट भी लग गया. ईरान ने सुपरटैकल पर स्कोर 6-7 किया.
तेलुगु टाइटंस के लिए खेलने वाले मिघानी और गुजरात फारच्यून जाइंट्स की ओर से खेलने वाले अत्राचली का भारतीय रेडरों के पास कोई जवाब नहीं था. ईरान ने एक और सुपर टैकल में मोनू गोयत को आउट किया. ईरान ने 8-8 के स्कोर पर बराबरी हासिल की और फिर बढ़त बनायी. भारत ने टैकल के जरिये 9-9 पर स्कोर बराबर किया.
ईरान के पास लगातार कम खिलाड़ी रहे लेकिन अत्राचली और मिघानी की डिफेंस जोड़ी ने उसे मुकाबले में बनाए रखा. मध्यांतर पर मुकाबला 9-9 से बराबर था. ईरान ने दूसरे हाफ में अपने खिलाड़ियों के अच्छे टैकल की बदौलत 14-11 की बढ़त बनायी. जब 10 मिनट का खेल बाकी था तो भारत 12-16 से पिछड़ रहा था.
राहुल चौधरी ने इसके बाद मिघानी को आउट किया लेकिन ईरान की रेड भी सफल रही. रिषांक देवाडिगा भी इसके बाद आउट हो गए जिससे ईरान ने 19-14 की बढ़त बनायी. अंतिम पांच मिनट में भारतीय टीम बेहद दबाव में नजर आई जिससे ईरान ने कुछ आसान अंक जुटाये और जीत दर्ज की.
* अब तक गोल्ड में भारत का रहा था कब्जा
एशियाई खेलों के इतिहास में अब तक स्वर्ण पदक पर केवल भारतीय पुरुष कबड्डी टीम का कब्जा रहा है. 1990 से 2014 तक 7 बार भारत चैंपियन रहा और 7 बार गोल्ड पर कब्जा किया.