अरपिंदर सिंह ने ट्रिपल जंप में 48 साल बाद भारत को दिलाया गोल्‍ड, स्वप्ना का भी गोल्डन रेस

जकार्ता : अरपिंदर सिंह और स्वप्ना बर्मन ने बुधवार को अलग-अलग स्‍पर्धाओं में दो गोल्‍ड मेडल जीता. अरपिंदर ने पुरुषों की त्रिकूद में 16.77 मीटर कूद लगाकर एशियाई खेलों की इस स्पर्धा में भारत को पिछले 48 वर्षों में पहला स्वर्ण पदक दिलाया. वहीं स्वप्ना बर्मन ने एशियाई खेलों की हेप्टाथलन में स्वर्ण पदक जीतकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2018 7:10 PM

जकार्ता : अरपिंदर सिंह और स्वप्ना बर्मन ने बुधवार को अलग-अलग स्‍पर्धाओं में दो गोल्‍ड मेडल जीता. अरपिंदर ने पुरुषों की त्रिकूद में 16.77 मीटर कूद लगाकर एशियाई खेलों की इस स्पर्धा में भारत को पिछले 48 वर्षों में पहला स्वर्ण पदक दिलाया. वहीं स्वप्ना बर्मन ने एशियाई खेलों की हेप्टाथलन में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा. वह इन खेलों में सोने का तमगा जीतने वाली पहली भारतीय हैं. इक्कीस वर्षीय बर्मन ने दो दिन तक चली सात स्पर्धाओं में 6026 अंक बनाये.

इस दौरान उन्होंने ऊंची कूद (1003 अंक) और भाला फेंक (872 अंक) में पहला तथा गोला फेंक (707 अंक) और लंबी कूद (865 अंक) में दूसरा स्थान हासिल किया था. उनका खराब प्रदर्शन 100 मीटर (981 अंक, पांचवां स्थान) और 200 मीटर (790 अंक, सातवां स्थान) में रहा.

सात स्पर्धाओं में से आखिरी स्पर्धा 800 मीटर में उतरने से पहले बर्मन चीन की क्विंगलिंग वांग पर 64 अंक की बढ़त बना रखी थी. उन्हें इस आखिरी स्पर्धा में अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत थी और वह इसमें चौथे स्थान पर रही. इसी स्पर्धा के दौरान वह पिछले साल भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान गिर गयी थी लेकिन आज इसमें चौथे स्थान पर रहने के बावजूद वह चैंपियन बनी.

राष्ट्रमंडल खेल 2014 में कांस्य पदक जीतने के बाद किसी बड़ी प्रतियोगिता में पदक नहीं जीत पाने वाले अरपिंदर ने अपने तीसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ कूद लगायी. उज्बेकिस्तान के रसलान कुर्बानोव ने 16.62 मीटर कूद लगाकर रजत और चीन के शुओ काओ ने 16.56 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता.

अरपिंदर ने हालांकि सत्र में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.09 मीटर से कमतर प्रदर्शन किया. उन्होंने जून में राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप के दौरान यह दूरी पार हासिल की थी जिससे वह एशियाई रैंकिंग में तीसरे नंबर पर आ गये थे.

अरपिंदर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.17 मीटर है। वह 2014 एशियाई खेलों में पांचवें स्थान पर रहे थे. भारत के लिये इससे पहले एशियाई खेलों की त्रिकूद में आखिरी स्वर्ण पदक 1970 में मोहिंदर सिंह गिल ने जीता था. कुल मिलाकर यह त्रिकूद में भारत का तीसरा स्वर्ण पदक है.

मोहिंदर सिंह ने 1958 में पहली बार इस स्पर्धा में सोने का तमगा हासिल किया था। यही नहीं 1982 में एस बालासुब्रहमण्यम के कांस्य पदक के बाद यह भारत का एशियाई खेलों में त्रिकूद में पहला पदक भी है. इसी स्पर्धा में भाग ले रहे भारत के एक अन्य एथलीट ए वी राकेश बाबू 16.40 मीटर की कूद लगाकार छठे स्थान पर पहुंच गये.

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