भारतीय महिला हॉकी टीम 20 साल में पहली बार एशियाड फाइनल में
जकार्ता : भारतीय महिला हॉकी टीम ने बुधवार को यहां कड़े मुकाबले में तीन बार की चैम्पियन चीन को 1-0 से हराकर 20 साल में पहली बार एशियाई खेलों के फाइनल में प्रवेश किया. गुरजीत कौर के 52वें मिनट में पेनल्टी कार्नर से किये गये गोल ने दोनों टीमों के बीच अंतर पैदा किया क्योंकि […]
जकार्ता : भारतीय महिला हॉकी टीम ने बुधवार को यहां कड़े मुकाबले में तीन बार की चैम्पियन चीन को 1-0 से हराकर 20 साल में पहली बार एशियाई खेलों के फाइनल में प्रवेश किया.
गुरजीत कौर के 52वें मिनट में पेनल्टी कार्नर से किये गये गोल ने दोनों टीमों के बीच अंतर पैदा किया क्योंकि इस सेमीफाइनल मुकाबले में आक्रामक और तेज तर्रार खेल की कमी दिखी.लेकिन यह प्रदर्शन भारत को 1998 बैंकाक एशियाई खेलों के बाद फाइनल में पहुंचाने के लिये काफी रहा. भारत ने पहली और एकमात्र बार खिताब 1982 में जीता था जब महिला हॉकी ने एशियाई खेलों में पदार्पण किया था. भारत का सामना अब फाइनल में जापान से होगा जिसने दूसरे सेमीफाइनल में पांच बार के चैम्पियन दक्षिण कोरिया को 2-0 से हराकर उलटफेर किया.
भारत और चीन दोनों टीमें इस मैच के दौरान मैदान में मौके बनाने में असफल रहीं. भारतीय कोच सोर्ड मारिने ने कहा, टीम निश्चित रूप से पहले हाफ में अपनी काबिलियत के अनुसार नहीं खेल सकी. लेकिन दूसरे हाफ में उन्होंने थोड़ा सुधार किया और मैं इन लड़कियों के लिये काफी खुश हूं. मुझे पता है कि इन्होंने यहां पहुंचने के लिये कितनी कड़ी मेहनत की है. इस टूर्नामेंट के लिये उन्होंने काफी मेहनत की है. जापान के खिलाफ मुकाबला चुनौतीपूर्ण होगा लेकिन टीम इसके लिये तैयार है.
भारत ने पहला पेनल्टी कार्नर आठवें मिनट में ही हासिल कर लिया लेकिन गुरजीत कौर के शाट का गोलकीपर ने शानदार बचाव किया. पहले क्वार्टर में भारत ने गोल करने के चार मौके जुटाये लेकिन इन्हें गोल में तब्दील करने में असफल रहा. 13वें मिनट में टीम गोल करने के करीब आ गयी थी लेकिन गोलमुख पर खड़ी नवजोत गोलकीपर को छका नहीं सकी.
चीन ने दूसरे क्वार्टर के शुरू होते ही 18वें मिनट में पेनल्टी कार्नर प्राप्त किया लेकिन जिजिया ओऊ का डिफ्लेक्शन शाट निशाना चूक गया। दोनों टीमों का खेल तेज नहीं था, हालांकि चीन थोड़ी ज्यादा चुस्त दिखी. फिर भारत ने 29वें मिनट में मिला लेकिन मोनिका का गुरजीत से लिया गया पास लक्ष्य को नहीं भेद सका. नेहा गोयल को नीरस क्वार्टर के दौरान हरा कार्ड दिखाया गया जिसमें हांग लि को पीला कार्ड दिखाया गया.
भारत को तीसरे क्वार्टर के शुरू में ही पेनल्टी कार्नर मिल गया लेकिन गुरजीत 39वें मिनट में ज्यादा कुछ नहीं कर सकी और यह शाट वाइड चला गया. दो मिनट बाद एक और मौका भारत ने गंवा दिया जब गुरजीत के शाट में उतना दम नहीं दिखा और इसे चीन की गोलकीपर द्वारा रोक लिया गया.
रीना खोकर ने तीसरे क्वार्टर में रिवर्स हिट लगाया लेकिन यह निशाना चूक गया. अंतिम क्वार्टर में भारत ने तीन कार्नर हासिल किये. तीसरे प्रयास में अंतत: गुरजीत का शाट गोलकीपर को छकाकर नेट के अंदर ऊपर की ओर टकराया और भारतीय खेमा खुशी से झूम उठा. चीन ने इसके बाद बराबरी करने का प्रयास किया लेकिन भारतीय टीम ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.