एशियन खेलों में जीता कांस्‍य पदक, अब दिल्‍ली में चाय बेचने को मजबूर

नयी दिल्‍ली : इंडोनेशिया के जकार्ता में संपन्‍न हुए एशियन खेलों में भारत ने अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया और 69 पदकों के साथ टॉप 8 में जगह बनाया. भारत ने 15 गोल्‍ड, 24 सिल्‍वर और 30 कांस्‍य पदक हासिल किये. देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाडियों को स्‍वदेश वापसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2018 10:46 PM

नयी दिल्‍ली : इंडोनेशिया के जकार्ता में संपन्‍न हुए एशियन खेलों में भारत ने अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया और 69 पदकों के साथ टॉप 8 में जगह बनाया. भारत ने 15 गोल्‍ड, 24 सिल्‍वर और 30 कांस्‍य पदक हासिल किये.

देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाडियों को स्‍वदेश वापसी के बाद काफी प्‍यार और सम्‍मान दिया गया. राज्‍य सरकारें भी अपने खिलाडियों को प्रोत्‍साहन देते हुए नकद पुरस्‍कार दिये.

पुरस्‍कार और सम्‍मान पाकर खिलाड़ी एक ओर जहां अपने को गदगद महसूस कर रहे हैं और खुशियां अपने परिवार और समर्थकों के साथ बांटने में जुटे हैं, वहीं एक ऐसा भी पदक विजेता खिलाड़ी है जिसे अपने घर की रोजी-रोटी चलाने के लिए दिल्‍ली में चाय बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उसे एशियाड में कांस्‍य पदक हासिल हुआ. उस युवा खिलाड़ी को पदक जीतने की खुशी तो है, लेकिन साथ-साथ उसे अपने घर-परिवार की रोजी-रोटी की भी चिंता है. इसलिए जकार्ता से लौटने के साथ ही वह दिल्‍ली के मजनू का टीला में अपनी चाय की दुकान में लग गया काम पर.

जी, हां यहां बात दिल्‍ली के हरीश कुमार की हो रही है. जिसने जकार्ता में सेपकटकरा में देश के लिए कांस्‍य पदक जीता. 23 साल के हरीश अपनी टीम के साथ स्‍वदेश लौटा तो एयरपोर्ट पर उनके स्‍वागत के लिए एक व्‍यक्ति भी नहीं थे.

घर लौटने के बाद दूसरे दिन से ही हरीश अपनी चाय की दुकान में लग गया काम पर. उसने बताया, उनके पिता ऑटो चलाते हैं और वो चाय की दुकान चलाता है. उसके परिवार में बहुत लोग हैं, लेकिन उसमें कमाने वाले कम हैं और यही कारण है कि उसे परिवार चलाने के लिए चाय बेचना पड़ता है. हरीश ने कहा, मुझे एक सरकारी नौकरी चाहिए जिससे मैं अपने परिवार वालों का सपोर्ट कर सकूं.

हरीश कहते हैं उनके पिता ऑटो चलाने के साथ-साथ चाय की दुकान में भी उनका साथ देते हैं. पिता उनके सफर में हमेशा साथ देते आये हैं. हरीश ने उनके समर्थन के लिए सरकार और कोच का शुक्रिया अदा किया. उन्‍होंने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अर‍विंद केजरीवाल को भी धन्‍यवाद कहा, जिन्‍होंने पुरस्‍कार राशि को बढ़ाकर 50 लाख कर दिया.

गौरतलब हो दिल्ली सरकार ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वालों के लिये नकद पुरस्कार बढ़ाकर एक करोड़ जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिये क्रमश: 75 और 50 लाख रुपये कर दिया.

Next Article

Exit mobile version