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मैरीकॉम ने चार घंटे में कम किया दो किलो वजन

नयी दिल्ली : चार घंटे में दो किलो वजन कम करना सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन लंबी यात्रा के बाद पोलैंड पहुंची भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को थकान के बावजूद इस चुनौती को पूरा करना था. पोलैंड के गिलवाइस में हाल ही संपन्न 13वें सिलेसियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट लिए मैरीकॉम जब वहां पहुंची तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2018 4:49 PM

नयी दिल्ली : चार घंटे में दो किलो वजन कम करना सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन लंबी यात्रा के बाद पोलैंड पहुंची भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को थकान के बावजूद इस चुनौती को पूरा करना था. पोलैंड के गिलवाइस में हाल ही संपन्न 13वें सिलेसियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट लिए मैरीकॉम जब वहां पहुंची तो उनका वजन दो किलो ज्यादा था और टूर्नामेंट के लिए वजन करने के लिए उनके पास चार घंटे का समय था.

उन्होंने ना सिर्फ इस चुनौती को पूरा किया बल्कि टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया जो इस साल का उनका तीसरा पीला तमगा है. पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम ने स्वदेश वापसी के बाद एक साक्षात्कार में कहा, ‘हम लगभग तीन-साढ़े तीन बजे सुबह पोलैंड पहुंचे और टूर्नामेंट के लिए वजन कार्यक्रम सुबह साढ़े सात बजे होना था. मुझे 48 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लेना था और मेरा वजन उससे दो किलो ज्यादा था.’

ओलंपिक कांस्य पदकधारी 35 साल की इस मुक्केबाज ने कहा, ‘मेरे पास वजन कम करने के लिए लगभग चार घंटे का समय था ऐसा नहीं करने पर मैं डिस्क्वालीफाई हो जाती. मैंने लगातार एक घंटे तक स्कीपिंग (रस्सी कूद) की और फिर मैं वजन के लिए तैयार थी.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए अच्छी बात यह थी कि जिस विमान में हम यात्रा कर रहे थे वह लगभग पूरा खाली था इसलिए मैं पैर फैलाकर अच्छे से सो सकी ताकि वहां पहुंचने पर ज्यादा थकावट नहीं रहे. नहीं तो मुझे नहीं पता कि मैं टूर्नामेंट में भाग ले पाती या नहीं.’

मणिपुर की यह खिलाड़ी टूर्नामेंट के सीनियर वर्ग में स्वर्ण जीतने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं. मैरीकॉम दो महीने में 36 साल की हो जायेंगी लेकिन इस मुक्केबाज ने यह साफ कर दिया कि वह 2020 ओलंपिक तक अपना खेल जारी रखेंगी.

उन्होंने कहा, ‘नवंबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप मेरा अंतिम टूर्नामेंट नहीं होगा. मैं 2020 ओलंपिक तक कहीं नहीं जा रही बशर्ते मैं फिट रहूं. मैं अपनी कमियों को जानती हूं लेकिन मुझे अपने मजबूत पक्षों के बारे में भी पता है. अगर कोई चोट लगती है तब आगे की योजना के बारे में सोचूंगी.’

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