ऑस्ट्रेलियाई स्टार फुटबॉल टीम काहिल ने कहा- जमशेदपुर में खेलने के लिए उत्साहित हूं
जमशेदपुर : जमशेदपुर फुटबॉल क्लब के साथ जुड़े ऑस्ट्रेलियाई स्टार फुटबॉल टीम काहिल ने कहा कि वह जमशेदपुर में खेलने को लेकर काफी उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि स्पेन में प्री-सीजन के दौरान उनके टीम मेंबर ने जमशेदपुर में फुटबॉल की दीवानगी के बारे में काफी कुछ बताया है. काहिल ने बताया कि उन्होंने अपने […]
जमशेदपुर : जमशेदपुर फुटबॉल क्लब के साथ जुड़े ऑस्ट्रेलियाई स्टार फुटबॉल टीम काहिल ने कहा कि वह जमशेदपुर में खेलने को लेकर काफी उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि स्पेन में प्री-सीजन के दौरान उनके टीम मेंबर ने जमशेदपुर में फुटबॉल की दीवानगी के बारे में काफी कुछ बताया है. काहिल ने बताया कि उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों से सुन रखा है कि यहां मैच दर मैच 20 हजार से अधिक दर्शक पिछले वर्ष स्टेडियम पहुंचे थे. इसलिए वह उम्मीद करते हैं कि वह अपनी उपयोगिता इन फुटबॉल प्रेमी के सामने साबित करें.
इंग्लैंड, चीन, ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका के शीर्ष लीग में खेल चुके इस मिडफील्डर ने बताया कि उनका लक्ष्य जमशेदपुर को आइएसएल के अच्छे पांचवें सीजन में अंतिम चार तक पहुंचाना है. वह इस लीग में एक अलग उदाहरण प्रस्तुत करना चाहते हैं जिससे भारत के युवाओं में इस खेल का अधिक से अधिक क्रेज बढ़ सके. उन्होंने बताया कि यह सीजन काफी छोटा है. मात्र 18 मैच खेलने हैं. इससे लिए मुझे सही शेप में आने में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए. काहिल ने बताया कि उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ी जेरी से भारतीय भोजन के बारे में काफी कुछ सुन रखा है. जेरी ने प्री-सीजन में भारतीय मसालेदार खाने के बारे में काफी कुछ बताया है. यहां पर काफी अच्छा फूड कल्चर है. जेरी ने मुझे जब भारतीय डिश करी के बारे में बताया तो, मैंने उससे कहा कि मैं तो ज्यादा मसालेदार खाना नहीं खाता. तो जेरी ने मुझे सलाह दी कि वह करी की जगह दही का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं उन्होंने जेएफसी से अपने साइनिंग के बारे में कहा कि जब उनको टीम की ओर से ऑफर मिला तो उन्होंने इसे स्वीकार करने में कोई जल्दबाजी नहीं की. उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले लीग के शेड्यूल को जानना चाहता था. मैंने अपने कुछ करीबी क्रिकेटर दोस्तों से भी भारत के बारे में जाना फिर मैंने जेएफसी को साइन किया.
काहिल ने कहा कि वह भारत को जानना चाहते हैं. वह यहां पर अधिक से अधिक यात्रा करके यहां की संस्कृति व मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं एवर्टन की ओर से खेलता था तो वहां पर मेरा एक काफी करीबी दोस्त था सदगुरु. जिसने मुझे मेडिटेशन के बारे में बताया.