भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने अर्जेंटीना में रचा इतिहास, पुरुष व महिला टीम ने यूथ ओलिंपिक का सिल्वर मेडल जीता
ब्यूनसआयर्स (अर्जेंटीना) : युवा ओलिंपिक खेलों की हॉकी फाइव प्रतियोगिता में भारत अपने अभियान का शानदार अंत करने में नाकाम रहा. उसे पुरुष और महिला दोनों वर्गों के फाइनल में हारने के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा. भारतीय पुरुष टीम को रविवार को खेले गये फाइनल में मलयेशिया से 2-4 से जबकि महिला […]
ब्यूनसआयर्स (अर्जेंटीना) : युवा ओलिंपिक खेलों की हॉकी फाइव प्रतियोगिता में भारत अपने अभियान का शानदार अंत करने में नाकाम रहा. उसे पुरुष और महिला दोनों वर्गों के फाइनल में हारने के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
भारतीय पुरुष टीम को रविवार को खेले गये फाइनल में मलयेशिया से 2-4 से जबकि महिला टीम को मेजबान अर्जेंटीना के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा.
मलयेशिया की पुरुष और अर्जेंटीना की महिला टीमों ने पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा. अर्जेंटीना की पुरुष टीम और चीन की महिला टीम ने कांस्य पदक जीते.
अर्जेंटीना की पुरुष टीम ने तीसरे स्थान के लिए खेले गये मैच में जांबिया को 4-0 से जबकि चीन की महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 6-0 से हराया.
पुरुष वर्ग के स्वर्ण पदक के मैच में भारत ने विवेक सागर प्रसाद के गोल से दूसरे मिनट में ही बढ़त हासिल कर ली थी.मलयेशिया ने हालांकि दो मिनट बाद ही बराबरी का गोल दाग दिया. उसकी तरफ से यह गोल फिरदौस रोस्दी ने किया.
प्रसाद ने पांचवें मिनट में दूसरा गोल करके भारत को फिर से 2-1 से आगे कर दिया और उसने मध्यांतर तक यह बढ़त बरकरार रखी.
मध्यांतर के बाद मलयेशिया ने शानदार वापसी की. उसकी तरफ से अकीमुल्लाह अनवर ने 13वें मिनट में दूसरा गोल दागा, जबकि अमीर-उल-अजहर ने तीन मिनट बाद उसे बढ़त दिलायी.
जब खेल समाप्त होने में दो मिनट का खेल बचा था, तब अनवर ने अपना दूसरा और टीम की तरफ से चौथा गोल किया.
महिलाओं के फाइनल में अर्जेंटीना ने दर्शकों के अपार समर्थन के बीच प्रभावशाली प्रदर्शन किया. भारत ने 49वें सेकेंड में ही मुमताज खान के गोल से बढ़त हासिल करके दर्शकों को सन्न कर दिया.
अर्जेंटीना ने हालांकि धैर्य बनाये रखा और छठे मिनट में जियानिला पेलेट ने उसे बराबरी दिला दी. सोफिया रामेलो ने नौवें मिनट में अपनी टीम को बढ़त दिलायी. मध्यांतर तक अर्जेंटीना 2-1 से आगे था.
ब्रिसा ब्रूगेसर ने दूसरे हाफ के दूसरे मिनट में उसकी तरफ से तीसरा गोल किया. भारत ने वापसी की काफी कोशिश की, लेकिन अर्जेंटीना ने उसे मौका नहीं दिया.
दोनों वर्गों के फाइनल में हारने के बावजूद भारतीय टीमों के लिए यह खुशी की बात है कि वे पहली बार युवा ओलिंपिक खेलों में पदक जीतने में सफल रही हैं.