ब्राजील में दिखा डच फुटबॉल का जादू
साल्वाडोर : शुक्रवार का दिन पूरी तरह नीदरलैंड के नाम रहा. जहां एक ओर विश्व कप हॉकी में नीदरलैंड की महिला और पुरुष टीमें फाइनल में पहुंची, वहीं विश्व कप फुटबॉल में उसने विश्व चैंपियन स्पेन के डिफेंस को ध्वस्त करते हुए 5-1 की बड़ी जीत दर्ज की. मैच के पहले हाफ के 27वें मिनट में मिले पेनाल्टी शॉट को जावी अलोंसो ने गोल में बदल कर स्पेन को 1-0 की बढ़त दिला दी.
इसके बाद नीदरलैंड के खिलाड़ियों ने एक के बाद एक लगातार हमले किये और कप्तान वान पर्सी (44वें व 72वें) ने दो, फॉरवर्ड अज्रेन रोबेन (53वें व 80वें) ने दो और डिफेंडर स्टीफन डि ब्रिज (64वें मिनट) ने एक गोल कर टीम को शानदार जीत दिला दी. विश्व कप के इतिहास में यह दूसरा मौका है, जब स्पेन की टीम तीन या इससे अधिक गोल से हारी हो. इससे पहले ब्राजील में हुए 1950 के विश्व कप में उसे मेजबान टीम ने 6-1 से पराजित किया था.
नेमार और रेफरी से हारा क्रोएशिया
साओ पाउलो. मैन ऑफ द मैच नेमार के बेहतरीन प्रदर्शन और रेफरी युइची निशिमुरा के विवादास्पद फैसले की बदौलत ब्राजील ने फीफा वर्ल्ड कप के उद्घाटन मुकाबले में आत्मघाती गोल की शर्मिदगी से उबर कर क्रोएशिया को 3-1 से हरा दिया.
मैच का पहला गोल ब्राजील ने ही किया, लेकिन खचाखच भरे स्टेडियम को उस गोल से सांप सूंघ गया, क्योंकि वह आत्मघाती गोल था. माश्रेलो ने गेंद क्लीयर करने की कोशिश में अपने ही पोस्ट में गोल कर बैठे. ‘वंडर बॉय’ नेमार ने हालांकि अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए बराबरी का गोल दागा. इसके बाद उन्होंने विवादित पेनाल्टी पर गोल करके मैदान में जमा 60000 दर्शकों में जोश भर दिया. अपना पहला विश्व कप मैच खेल रहे 22 बरस के नेमार पर काफी दबाव था, लेकिन वह उस पर 100 फीसदी खरा उतरा.
खलनायक बने रेफरी
जापानी रेफरी युइची निशिमुरा ब्राजील को पेनाल्टी देने के फैसले से खलनायक बन गये. फ्रेड क्रोएशियाई डिफेंडर देजान लवरेन से टकरा कर गिर पड़े थे, जिसके बाद निशिमुरा ने पेनाल्टी दी. मैच के बाद क्रोएशियाई कोच निको कोवाच ने कहा, यदि किसी ने पेनाल्टी देखी, तो वह हाथ खड़े करे. मैंने तो नहीं देखी. यदि ऐसा ही चलता रहा, तो विश्व कप में 100 पेनाल्टी हो जायेंगे.