रियो दि जिनेरियो: नीदरलैंड के हाथों पहले मैच में 5-1 से मिली हार से स्तब्ध गत चैम्पियन स्पेन को विश्व कप के पहले दौर से बाहर होने की त्रासदी से बचने के लिये कल चिली को हर हालत में हराना होगा.
स्पेन अभी तक पिछले 51 साल की सबसे शर्मनाक हार के सदमे से उबर नहीं सका है. स्पेनिश मीडिया ने उस हार को प्रलय करार दिया था. स्पेन यदि फिर हार जाता है तो नीदरलैंड ग्रुप बी के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को हरा देते है तो विंसेंट डेल बोस्क की टीम ब्राजील (1966), फ्रांस (2002) और इटली (2010) के बाद विश्व कप से पहले ही दौर में बाहर होने वाली गत चैम्पियन टीम बन जायेगी.
दूसरी ओर ऐसे में चिली अगले दौर में पहुंच जायेगा जिसने आस्ट्रेलिया को 3-1 से हराया था. अपने पिछले 16 मैचों में से चिली ने सिर्फ दो गंवाये हैं. स्पेन के मिडफील्डर सेस्क फेब्रेगेस ने इस मैच को जिंदगी और मौत का मुकाबला बताया है. वहीं कोच डेल बोस्क ने कहा है कि टीम को घबराने की जरुरत नहीं है.
स्पेन के कोच ने कहा, हमें अगले दो मैच जीतने होंगे. यह आसान नहीं है लेकिन नामुमकिन भी नहीं. हम पूरी तैयारी कर रहे हैं.हमने पहले हाफ में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन समस्या दूसरे हाफ में थी. उन्होंने टीम में दो तीन बदलाव के भी संकेत दिये. गोलकीपर इकेर सेसिलास को बाहर किया जा सकता है जो पहले मैच में पूरी तरह फ्लाप रहे थे. ऐसे में लीवरपूल के पेपे रेइना को उतारा जा सकता है.
अंतिम एकादश में पेड्रो रौद्रिगेज और जुआन माटा भी होंगे. पेड्रो पिछली बार इस मैदान पर मिली शर्मनाक हार का गम दूर करना चाहेंगे जब कांफेडरेशन कप के फाइनल में उसे ब्राजील ने 3-0 से हराया था.
पेड्रो ने कहा, इस मैदान के इतिहास के कारण हर खिलाड़ी यहां खेलना चाहता है. हमें इस पर अपनी शैली में खेलने में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि हम इस मैदान पर चिली को हरा सकेंगे. चिली के कोच संपाओली ओसासुना के मिडफील्डर फ्रांसिस्को सिल्वा को इस मैच में उतार सकते हैं. दूसरा विकल्प प्लेमेकर जार्ज वाल्दिविया की जगह सिल्वा को उतारना होगा जिससे अर्तुरो विदाल मिडफील्ड से आगे जाकर एडुआर्डो वर्गास और एलेक्सिच सांचेस के साथ फारवर्ड पंक्ति में खेल सकते हैं.