भुवनेश्वर : मेजबान भारतीय हॉकी टीम को विश्वकप में दोहरा झटका लगा है. पहले भारतीय टीम नीदरलैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गयी, अब कोच हरेंद्र सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के फेर में फंसते नजर आ रहे हैं.
दरअसल मैच हारने के बाद भारतीय कोच ने अंपायरिंग के फैसले पर असंतोष जताया था. इसी बात हो लेकर अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ भारतीय कोच हरेंद्र सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.
संघ ने शनिवार को कहा कि वह उनके बयान की समीक्षा करेगा. नीदरलैंड ने क्वार्टर फाइनल में भारत को 2 – 1 से हराया था. भारतीय कोच ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में अंपायर के कुछ फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा था , एशियाई खेलों के बाद विश्व कप में भी हमसे मौका छीन लिया गया. एफआईएच को अंपायरिंग का स्तर बेहतर करना चाहिये.
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एफआईएच सीइओ थियरे वेल और अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि हार को गरिमा के साथ स्वीकार करना चाहिये और इस तरह की प्रतिक्रिया एफआईएच बर्दाश्त नहीं करेगा. वेल ने कहा, हम अंपायरिंग को लेकर भारतीय कोच के बयान की समीक्षा करेंगे. इस तरह की चीजें एफआईएच में बर्दाश्त नहीं की जायेगी. हारने पर अंपायरों पर ऊंगली उठाना सरासर गलत है.
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उन्होंने कहा, अंपायरों का काम आसान नहीं है और वे भी इंसान है. खेल में हार और जीत चलती है, लेकिन हार को गरिमा के साथ स्वीकार करना आना चाहिये. हमने प्रेस कांफ्रेंस के फुटेज मंगवाये हैं और हम देखेंगे कि आगे क्या करना है. वहीं हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बत्रा ने जूनियर विश्व कप 2016 विजेता कोच हरेंद्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि वह विश्व कप के बाद आईओए अध्यक्ष के रूप में इसकी समीक्षा करेंगे.
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उन्होंने कहा, इस तरह के मसलों पर मेरी सख्त प्रतिक्रिया है. एक बार टूर्नामेंट खत्म होने के बाद मैं आईओए अध्यक्ष के रूप में इस पर बात करूंगा. मई 2018 में भारतीय महिला हाकी टीम को छोड़कर पुरुष टीम की कमान संभालने वाले हरेंद्र के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता था. वह 2014 में जूनियर टीम के कोच बने थे जिसने दो साल बाद लखनऊ में विश्व कप जीता. वह सितंबर 2017 में महिला टीम के मुख्य कोच बने थे.