Loading election data...

पहलवान नरसिंह की डोपिंग पर शिकायत की जांच में देरी पर कोर्ट ने CBI को लताड़ा

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहलवान नरसिंह यादव की 2016 की शिकायत की जांच पूरी नहीं करने के लिये सोमवार को सीबीआई की खिंचाई की तथा निर्देश दिये कि डीआईजी रैंक का अधिकारी यह मामला देखे और रिपोर्ट पेश करे. नरसिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनके भोजन में प्रतिबंधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2019 10:39 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहलवान नरसिंह यादव की 2016 की शिकायत की जांच पूरी नहीं करने के लिये सोमवार को सीबीआई की खिंचाई की तथा निर्देश दिये कि डीआईजी रैंक का अधिकारी यह मामला देखे और रिपोर्ट पेश करे.

नरसिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनके भोजन में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाये गये जिसके कारण उन पर डोपिंग के आरोप में चार साल का प्रतिबंध लगा. न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि खेल पंचाट (सीएएस) ने जब इस खिलाड़ी को डोपिंग के उल्लंघन में क्लीन चिट नहीं देने के विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के फैसले को बरकरार रखा तो उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज करायी थी.

उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से पूछा कि पिछले ढाई वर्ष में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी करके उससे एक फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक जांच की स्थिति के संबंध में और उसने कैसे यह मामला आगे बढ़ाया है, को लेकर जवाब दर्ज करने के लिये कहा है.

खेल पंचाट के फैसले से पहले राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने नरसिंह को 2016 रियो ओलंपिक में खेलने की अनुमति दे दी थी. वह पुरुषों के फ्रीस्टाइल में 74 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये गये थे. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब से नरसिंह ने शिकायत की तब से उसने क्या किया.

इसे भी पढ़ें…

आत्‍महत्‍या करना चाहता था नरसिंह !

न्यायाधीश ने कहा, अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. आप पिछले ढाई साल से क्या कर रहे थे. यह सीबीआई है, कोई अन्य एजेंसी नहीं. उन्होंने आगे कहा कि एजेंसी को इस मामले के इस पहलू पर गौर करना चाहिए कि विशेषकर कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे खेलों में खिलाड़ी का करियर बहुत कम समय का होता है.

न्यायमूर्ति ने कहा, यह केवल निजी क्षति ही नहीं होगी बल्कि यह खेलों के लिये नुकसान होगा और इससे देश को नुकसान होगा. खिलाड़ियों का करियर छोटा होता है. इसके अलावा इससे जुड़ी बदनामी के बारे में भी सोचें.

सीबीआई की तरफ से पेश वकील रिपुदमन सिंह भारद्वाज, ने अदालत से कहा कि एजेंसी को खेल पंचाट पैनल के सदस्यों से पूछताछ करनी है जिन्होंने नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगाने का अंतिम फैसला किया.

Next Article

Exit mobile version