पोटरे एलेग्रे : अल्जीरिया की टीम वर्ल्ड कप के प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में सोमवार को जब यहां जर्मनी के खिलाफ उतरेगी, तो उसका इरादा इस पूर्व चैंपियन को हरा कर उलटफेर करते हुए 32 साल पुराना बदला चुकता करने पर होगा. इन दोनों की टीमों की भिड़ंत यहां के बेइरा रियो स्टेडियम में होगी, लेकिन स्पेन में 1982 में हुआ वर्ल्ड कप ‘शेम ऑफ गिजोन’ के कारण तीन दशक के बाद भी अल्जीरिया को सालता है.
तब पश्चिमी जर्मनी को 2-1 से हराने के बावजूद अल्जीरिया को वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा था, क्योंकि जर्मनी ने गिजोन में कथित तौर पर आपसी सहमति से ऑस्ट्रिया के खिलाफ 1-0 की जीत का नतीजा हासिल किया. इससे जर्मनी और ऑस्ट्रिया की टीमें तो दूसरे दौर में प्रवेश कर गयी, लेकिन अल्जीरिया बाहर हो गया था. जर्मन कोच जोकिम लोव ने हालांकि इसे अधिक तवज्जो नहीं दी. जोकिम लोव ने कहा : मुझे समझ में नहीं आता कि जो खिलाड़ी तब पैदा भी नहीं हुए थे, वो बदला क्यों लेना चाहेंगे. अल्जीरिया के कोच वाहिद हालिहोदिक ने हालांकि कहा कि टीम इस घटना को नहीं भूली है और उन्होंने नॉकआउट में जगह बनाने के बाद 1982 की घटना पर विस्तार से बात की है.
कोच जोकिम लोव ने हालांकि अपनी टीम को आत्ममुग्धता से बचने को कहा है और साथ ही उसे फ्रांस या नाईजीरिया के खिलाफ होने वाले संभावित क्वार्टर फाइनल के बारे में नहीं सोचने को कहा है. यह लगातार दूसरा मौका है, जब जर्मनी को अतीत की बुरी यादों का सामना करना पड़ रहा है.