बेल्जियम के आगे अमेरिका की कठिन चुनौती

इस टूर्नामेंट में बेल्जियम को मिली है छुपा रुस्तम की संज्ञा, अमेरिका ने भी किया है शानदार प्रदर्शन साल्वाडोर : लीग चरण में कुछ चौंकाने वाले परिणाम देनेवाला अमेरिका वर्ल्ड कप फुटबॉल के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए मंगलवार को यहां बेल्जियम के खिलाफ अंतिम 16 के मैच में आक्रमण ही सबसे बड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2014 5:21 AM

इस टूर्नामेंट में बेल्जियम को मिली है छुपा रुस्तम की संज्ञा, अमेरिका ने भी किया है शानदार प्रदर्शन

साल्वाडोर : लीग चरण में कुछ चौंकाने वाले परिणाम देनेवाला अमेरिका वर्ल्ड कप फुटबॉल के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए मंगलवार को यहां बेल्जियम के खिलाफ अंतिम 16 के मैच में आक्रमण ही सबसे बड़ा रक्षण की रणनीति के साथ मैदान पर उतरेगा. अमेरिका ने टूर्नामेंट से पहले की सभी भविष्यवाणियों को गलत साबित करते हुए ग्रुप जी में जर्मनी के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था. इस ग्रुप में पुर्तगाल और घाना जैसी टीमें भी थी.

अमेरिकी कोच जर्गेन क्लिंसमैन का हालांकि मानना है कि यदि उनकी टीम को टूर्नामेंट में छुपा छुस्तम माने जा रहे बेल्जियम को हराना है, तो बेहतर प्रदर्शन करना होगा. उनकी सबसे बड़ी चिंता आक्रमण को लेकर है. पहले चरण की समाप्ति के बाद फीफा ने जो आंकड़ें जारी किये, उसके अनुसान अमेरिका ने तीन मैचों में केवल 72 बार हमले किये और इस श्रेणी में वह 32 टीमों में 31वें स्थान पर रहा. क्लिंसमैन इसमें बदलाव चाहेंगे.

कोम्पानी और वर्मलेन के खेलने की आस कम

क्लिंसमैन की चिंता सेंटर बैक विंसेंट कोम्पानी और थॉमस वर्मलेन को लेकर भी है जिनके चोटिल होने के कारण इस मैच में खेलने की संभावना न के बराबर है. क्लिंसमैन ने कहा, ‘जर्मनी के खिलाफ खेले गये मैच से हमें सीख लेने की जरूरत है. हमने पहले 20 मिनट रक्षापंक्ति में बिताये. मैं आक्रमण की रणनीति अपनाने के लिये चिल्लाता रहा. इसलिए मैंने अभ्यास के दौरान इस पर गौर किया. हमारी रणनीति प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाना है ताकि हमारे लिये अधिक मौके बनें.’ टूर्नामेंट से पहले क्लिंसमैन ने कहा था कि उनकी टीम की जीत की संभावना अधिक नहीं है, लेकिन नाकआउट में पहुंचने के बाद क्लिन्समैन ने अपने विचार बदल दिये.

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