नयी दिल्ली : शीर्ष टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने शनिवार को कहा कि खेलों में महिलाओं को पुरुषों की बराबरी पर लाने के लिये भारत को अब भी काफी कुछ करने की जरूरत है, हालांकि इस पहलू पर देश ने काफी काम किया है.
युगल और मिश्रित युगल में ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली भारत की पहली महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया ने कहा कि एमसी मेरीकॉम, साइना नेहवाल और पीवी सिंधू जैसी खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है, लेकिन अब भी खेलों में भेदभाव होता है.
सानिया ने कहा, आज हम कम से कम 10 सुपरस्टार महिला खिलाड़ियों का नाम गिना सकते हैं जैसे साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, मेरीकाम, दीपा करमाकर और साक्षी मलिक, लेकिन 10 साल पहले ऐसा नहीं कर सकते थे. इसलिये हमने खेलों में महिला सशक्तिकरण के मामले में काफी लंबा सफर तय किया है लेकिन अब भी खेलों में महिलाओं के लिये काफी कुछ किये जाने की जरूरत है.
फिक्की महिला संस्था के 35वें सालाना सत्र के दौरान ‘वुमैन शेपिंग द फ्यूचर’ पर पैनल चर्चा में सानिया ने कहा, जहां तक हम महिलाओं के सशक्तिकरण और पुरुषों के साथ बराबरी की बात करते हैं तो मुझे लगता है कि हम अब भी पुरुषों के दबदबे वाली दुनिया में रहते हैं.
उन्होंने कहा, मैं लंबे समय से कह रही हूं कि महिलाओं को पुरुषों के बराबरी इनामी राशि दी जानी चाहिए. यह भेदभाव पूरी दुनिया में सभी खेलों में है. मेरा सवाल है कि हमें यह समझाने की जरूरत क्यों है कि हमें पुरुषों के बराबर पुरस्कार राशि दी जानी चाहिए. मैं ऐसा दिन चाहती हूं कि जब हमें इसे समझाने की जरूरत ही नहीं पड़े.