अगर गुस्से से खेल बेहतर होता है, तो गुस्सा बुरा नहीं: कार्तिक
मोहाली : कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक मैदान पर हुई गलतियों के लिये आपा नहीं खोते लेकिन अगर गुस्से के बाद उनके खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ करते हैं तो उन्हें इससे कोई गुरेज नहीं. शुक्रवार को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मुकाबले में कार्तिक पारी में ब्रेक के दौरान अपना आपा खो बैठे क्योंकि उनके गेंदबाज […]
मोहाली : कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक मैदान पर हुई गलतियों के लिये आपा नहीं खोते लेकिन अगर गुस्से के बाद उनके खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ करते हैं तो उन्हें इससे कोई गुरेज नहीं. शुक्रवार को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मुकाबले में कार्तिक पारी में ब्रेक के दौरान अपना आपा खो बैठे क्योंकि उनके गेंदबाज और क्षेत्ररक्षक उनकी योजना का उचित तरीके से कार्यान्वयन नहीं कर पा रहे थे.
जब उनसे इस गुस्से के बारे में पूछा गया तो केकेआर के कप्तान ने स्वीकार किया कि वह अपने गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों से खुश नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन काफी मुश्किल रहे हैं. गेंदबाज और क्षेत्ररक्षक जो कर रहे थे, मैं उससे खुश नहीं था इसलिये मैंने सोचा कि लड़कों को पता चलना चाहिए कि मैं उस समय क्या महसूस कर रहा था. यह कभी कभार होता है, मुझे लोगों ने गुस्से में नहीं देखा होगा. अगर मुझे लगता है कि खिलाड़ियों का सर्वश्रेष्ठ कराने के लिये मुझे गुस्सा करने की जरूरत है तो शायद मैं ऐसा करूंगा . ‘