नयी दिल्ली : आईपीएल की दो सबसे सफल टीमें मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स रविवार को खिताब के लिये एक दूसरे के आमने सामने होंगी. बड़ी बात है कि दोनों ही टीमें तीन-तीन बार खिताब जीते हैं.
इसके बावजूद मुंबई इंडियंस को फाइनल में चेन्नई के खिलाफ मजबूत माना जा रहा है. मौजूदा टूर्नामेंट में मुंबई की टीम ने चेन्नई को तीन बार हरा चुकी है. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली मुंबई ने अभी तक चार फाइनल खेले हैं जिसमें से तीन में खिताब उसकी झोली में रहा है जिसमें दो बार 2013 और 2015 में वह चेन्नई सुपरकिंग्स के ही खिलाफ थी. वहीं तीन बार की चैम्पियन चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने आठवें फाइनल में प्रवेश किया है.
चेन्नई के लिये यह सत्र काफी अच्छा रहा है. भले ही नतीजा कुछ भी रहे, लेकिन यह फाइनल इन दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता का एक और यादगार अध्याय जोड़ देगा. बहरहाल मौजूदा आईपीएल का अब तक का सफर काफी शानदार रहा है.
आईपीएल के बाद विश्व कप शुरू हो रहा है तो ऑस्ट्रेलिया के प्रतिबंधित सितारों -स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर- के लिये लीग की काफी अहमियत रही जिन्होंने गेंद से छेड़छाड़ के लिये एक साल का प्रतिबंध खत्म करने के बाद शानदार वापसी की.
वार्नर ने आईपीएल 692 रन जोड़े और उनके टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन जुटाने वाले खिलाड़ी बने रहने की उम्मीद है. जानी बेयरस्टो के साथ उनकी जोड़ी काफी खतरनाक रही. वहीं भारत के हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल के लिये यह टूर्नामेंट यादगार रहेगा, क्योंकि विश्व कप से पहले लीग में ये दोनों अपनी फार्म में दिख रहे हैं.
टीवी शो में महिलाओं के प्रति अभद्र टिप्पणियों के कारण बीसीसीआई का निलंबन झेलने के बाद पांड्या और राहुल ने आईपीएल टीमों के लिये अपनी अहमियत साबित की. पांड्या तो अभी मुंबई के लिये फाइनल खेलेंगे. वह और केकेआर के आंद्रे रसेल गेंद को इतनी बेहतरीन तरीके से हिट करते हैं कि सभी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.
* कई विवादों के लिए भी याद किया जाएगा मौजूदा आईपीएल
टूर्नामेंट के दौरान मैदान पर कई विवाद भी हुए जिसमें किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन और करिश्माई चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के विवाद अहम रहे. अश्विन ने पूरे क्रिकेट जगत में ‘खेल भावना’ का विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने जोस बटलर को ‘मांकड़िंग’ से आउट किया. कुछ ने उनका समर्थन किया तो कुछ उनके खिलाफ दिखे.
इस विवाद में एमसीसी का भी ध्यान अपनी ओर खींचा जो खेल के नियमों की कर्ता धर्ता है. दो हफ्ते बाद धौनी के व्यवहार पर सवाल उठाये गये जब नो-बॉल के फैसले पर वह डगआउट से भागते हुए अंपायर तक पहुंच गये और अपना आपा खो दिया. अंपायरों ने भी कई गलत फैसले किये जिससे भारतीय अंपायरों के स्तर पर गंभीर सवाल उठे.