हिरोशिमा : ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर के दो गोल की मदद से भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को यहां एफआईएच सीरीज फाइनल्स के सेमीफाइनल में चिली को 4-2 से हराकर तोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर के फाइनल दौर में स्थान सुनिश्चित किया.
इस टूर्नामेंट से शीर्ष दो टीमों ने साल के अंत में होने वाले 2020 ओलंपिक क्वालीफायर के अंतिम दौर के लिये क्वालीफाई कर लिया. गुरजीत कौर ने 22वें और 37वें मिनट में दो गोल जबकि नवनीत कौर ने 31वें और कप्तान रानी रामपाल ने 57वें मिनट में भारत के लिये गोल किये.
चिली की ओर से कैरोलिना गार्सिया ने 18वें और मैनुएला उरोज ने 43वें मिनट में गोल किया. भारत अब शनिवार को होने वाले मुकाबले में जापान से भिड़ेगा. मेजबान जापान ने दूसरे सेमीफाइनल में पेनल्टी शूटआउट में रूस को 3-1 से शिकस्त दी.
दोनों टीमें निर्धारित 60 मिनट में 1-1 की बराबरी पर थीं. दुनिया की नौंवे नंबर की टीम ने 15 मिनट के भीतर ही विपक्षी टीम के सर्कल में छह बार सेंध लगायी, लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिला. चिली ने भी चार बार भारत के सर्कल में प्रवेश किया, लेकिन उसका एक भी शाट निशाने पर नहीं लगा और पहला क्वार्टर गोलरहित रहा. पर दूसरे क्वार्टर के तीसरे ही मिनट में निचली रैंकिंग पर काबिज चिली ने कैरोलिना गार्सिया के गोल की मदद से बढ़त बना ली थी.
इस गोल से हैरान भारत ने जल्द ही 22वें मिनट में गुरजीत के गोल से बराबरी हासिल की जिससे हाफ टाइम तक स्कोर 1-1 ही रहा. छोर बदलने के एक मिनट बाद स्ट्राइकर नवनीत के गोल से टीम को बढ़त दिला दी. उन्होंने सर्कल के बाहर से गेंद ली और इसे लेकर भागते हुए सर्कल के अंदर पहुंची और ताकतवर शाट से गोल दाग दिया.
छह मिनट बाद गुरजीत ने पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील किया और अपना दूसरा गोल कर दिया. चिली ने भी हार नहीं मानी और तीसरे क्वार्टर के अंत में लगातार दो पेनल्टी कार्नर हासिल किये, पर वे इनका फायदा नहीं उठा सके. मैनुएला उरोज ने चिली के लिये दूसरा गोल 43वें मिनट में दागा जिससे उसने गोल अंतर को कम किया. पर भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने 57वें मिनट में गोल की मदद से स्कोर 4-2 कर दिया जो निर्णायक रहा.
मैच के बाद रानी ने इस जीत को साथी लालरेमसियामी के पिता को समर्पित किया जिनका शुक्रवार को निधन हो गया था. रानी ने इस युवा स्ट्राइकर के साहस की प्रशंसा की जिसने अपने पिता के निधन की खबर सुनने के बाद स्वदेश लौटने के बजाय टीम के साथ रुकने का फैसला किया.
रानी ने कहा, हमारी साथी लालरेमसियामी ने अपने पिता को खो दिया इसलिये यह जीत उसके पिता को समर्पित है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. वह अच्छा खेलती है और हमें उस पर गर्व है. वह टीम के साथ रही और स्वदेश नहीं लौटी. उन्होंने कहा, हम खुश हैं कि हम फाइनल में पहुंच गये.