…तो हमें अगली सिंधू नहीं मिलेगी : गोपीचंद

नयी दिल्ली : भारत के चोटी के शटलर को इस साल स्टेडियम में उनकी कमी खली, लेकिन राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि अगर वह लगातार दौरे पर जाते रहते हैं तो इससे अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को तैयार करने की राह में रोड़ा पैदा होगा. गोपीचंद इस साल पी वी सिंधू जैसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2019 5:08 PM

नयी दिल्ली : भारत के चोटी के शटलर को इस साल स्टेडियम में उनकी कमी खली, लेकिन राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि अगर वह लगातार दौरे पर जाते रहते हैं तो इससे अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को तैयार करने की राह में रोड़ा पैदा होगा.

गोपीचंद इस साल पी वी सिंधू जैसे खिलाड़ियों के साथ अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर साथ में नहीं गये और अगले साल भी उनका इसमें बदलाव करने का इरादा नहीं है. गोपीचंद ने कहा, अगर मैं यात्राओं पर ही रहा तो अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों के साथ क्या होगा. ऐसे में तो हम फिर कभी अगली सिंधू नहीं ढूंढ पाएंगे. इसलिए हमें अधिक कोच की जरूरत है, मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता है. मुझे अधिक मदद और सहयोग की जरूरत है.

ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू, लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल और के श्रीकांत सहित भारत के सभी चोटी के खिलाड़ियों को गोपीचंद की देखरेख में ही सफलता मिली है, लेकिन अब उनके पास शीर्ष खिलाड़ियों को देने के लिये पर्याप्त समय नहीं है.

पिछले महीने रिपोर्ट आयी थी कि सिंधू और गोपीचंद के बीच रिश्ते पहले जैसे नहीं रही लेकिन भारतीय स्टार ने बाद में इन्हें बकवास करार दिया था. गोपीचंद ने कहा, हर कोई चाहता है कि उस पर ध्यान दिया जाए और कोर्ट पर वे मेरा अधिक समय चाहते हैं जो कि संभव नहीं है. मुझे यह संदेश मिलते रहते हैं, भैया आप वहां साथ में नहीं थे.

अगर आप साथ में होते तो मैं जीत जाता/जाती. उन्होंने कहा, ऐसे में आप किस पर ध्यान केंद्रित करते हैं. मैं 2008-09 से हर साल जो राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल या ओलंपिक वर्ष होता है, तब यात्रा पर जाता रहा हूं और अन्य वर्षों में दौरे पर नहीं जाता. इसलिए इस साल मैं किसी दौरे पर नहीं जा रहा हूं, लेकिन 2020 में मैं दौरे पर जाऊंगा.

गोपीचंद से पूछा गया कि क्या उन्होंने ओलंपिक के लिये अपनी रणनीति तैयार कर ली है, उन्होंने कहा, पिछली बार मैं आखिरी कुछ टूर्नामेंट में शीर्ष खिलाड़ियों के साथ दौरे पर गया और फिर मैंने अपनी रणनीति बनायी. इसलिए इस बार भी मैं ओलंपिक से पहले फरवरी और मार्च में मैं टीम के साथ दौरे पर जाऊंगा और ओलंपिक के लिये अपनी योजना तैयार करुंगा.

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