मुंबई : पूर्व कप्तान धनराज पिल्लै का मानना है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम में क्षमता है, लेकिन टीम को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
ओलंपियन धनराज ने कहा कि उन्होंने इस लोकप्रिय खेल में सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है जिसमें एक समय भारत मजबूत ताकत हुआ करता था. चार बार के ओलंपियन 51 साल के धनराज ने गुरुवार को यहां एक समारोह के दौरान कहा, हम हॉकी और क्रिकेट विश्व कप नहीं जीत पाए इसके लिए हमें हतोत्साहित नहीं होना चाहिए.
धनराज और पूर्व भारतीय स्पिनर नीलेश कुलकर्णी ने ‘वैल्युएबल ग्रुप’ द्वारा विकसित वीएसएटी आधारिक तकनीक के जरिये खेल के महत्व पर ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले के 70 स्कूलों के 7000 से अधिक बच्चों से बात की.
धनराज ने कहा, मेरा मानना है कि यह जरूरी है कि टीम के प्रदर्शन में निरंतरता हो और खिलाड़ियों को आगामी टूर्नामेंटों में इसी पर ध्यान लगाना चाहिए. यह पूछने पर कि क्या वह राजनीति में प्रवेश करेंगे, इस पूर्व फारवर्ड ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन खेल में सुधार के लिए समर्पित कर दिया है. उन्होंने कहा, राजनीति मेरे लिए नहीं है. मैं पैदाइशी हॉकी खिलाड़ी हूं और यही रहूंगा, खुद को हॉकी में सुधार के लिए समर्पित कर दिया है.