व्यक्तिगत स्वर्ण पदक के साथ बिंद्रा ने राष्ट्रमंडल खेलों को अलविदा कहा
ग्लासकोः राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम बार हिस्सा ले रहे अभिनव बिंद्रा ने इन खेलों को यादगार बनाते हुए आज यहां 10 मीटर एयर राइफल की व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता. यह दिग्गज भारतीय निशानेबाज पिछले चार प्रयासों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने में विफल रहा था. राष्ट्रमंडल खेलों में युगल वर्ग में तीन स्वर्ण […]
ग्लासकोः राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम बार हिस्सा ले रहे अभिनव बिंद्रा ने इन खेलों को यादगार बनाते हुए आज यहां 10 मीटर एयर राइफल की व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता. यह दिग्गज भारतीय निशानेबाज पिछले चार प्रयासों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने में विफल रहा था.
राष्ट्रमंडल खेलों में युगल वर्ग में तीन स्वर्ण सहित कुल नौ पदक जीत चुके बिंद्रा ने फाइनल राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और कोई चूक नहीं की. वह बैरी बुडोन शूटिंग सेंटर में चल रही स्पर्धा के क्वालीफिकेशन में तीसरे स्थान पर रहे थे.
ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय बिंद्रा ने कुल 205 . 3 अंक बनाए जो खेलों का नया रिकार्ड भी है. यह पहले राष्ट्रमंडल खेल हैं जिसमें आईएसएसएफ का नियम लागू हुआ है. इस नियम के तहत सिर्फ अंतिम दौर के अंक गिने जाने हैं जबकि उसमें क्वालीफिकेशन के स्कोर को नहीं जोडा जाता.
बिंद्रा ने स्पर्धा के बाद भारतीय पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मेरे अंतिम राष्ट्रमंडल खेल हैं. पांच राष्ट्रमंडल खेल और नौ पदक मेरे लिए पर्याप्त हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक शानदार है क्योंकि मैंने कडी मेहनत की थी और मुझे खुशी है कि मैं यह लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा. मुझे वांछित नतीजा मिला.’’ यह पूछने पर कि क्या रियो 2016 उनके अंतिम ओलंपिक होंगे, बिंद्रा ने कहा, ‘‘मैं एक बार में एक चीज पर ध्यान देता हूं. मैं बाद में फैसला करुंगा.’’
मलाइका ने फाइनल में 197 . 1 का स्कोर बनाया और वह स्वर्ण पदक के लिये कडे मुकाबले के बाद दूसरे स्थान पर रही। यह सीनियर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका पहला पदक है.
सिंगापुर की शुन झी तेयो ने स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने 198 . 6 का स्कोर बनाया जो राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकार्ड है. कनाडा डोरोथी लुडविग 117 . 2 अंक बनाने के बावजूद कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही.
विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाडी और प्रतियोगिता से पहले प्रबल दावेदार हीना सिद्धू क्वालीफिकेशन में पहले स्थान पर रहने के बावजूद फाइनल में सातवें स्थान पर रही. आठ महिलाओं के फाइनल में वह बाहर होने वाली दूसरी निशानेबाज थी.