भारत राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करेगा या नहीं?, खेल मंत्री रीजीजू ने ये दिया जवाब, जानिए क्या कहा
नयी दिल्लीः खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर किये जाने के मुद्दे पर बहिष्कार करने के मामले पर खुल कर बोला है. उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े स्तर का फैसला लेना अभी जल्दबाजी होगी. बता दें कि बर्मिंघम आयोजन समिति ने खेलों से निशानेबाजी को बाहर […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
August 27, 2019 2:52 PM
नयी दिल्लीः खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर किये जाने के मुद्दे पर बहिष्कार करने के मामले पर खुल कर बोला है. उन्होंने कहा कि इस तरह के बड़े स्तर का फैसला लेना अभी जल्दबाजी होगी.
बता दें कि बर्मिंघम आयोजन समिति ने खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने का फैसला किया है. इस फैसले पर भारतीय ओलंपिक समिति (आईओए) और राष्ट्रीय निशानेबाजी संघ (एनआरएआई) कड़ी प्रतिक्रिया दी. आईओए ने तो निशानेबाजी को बाहर किये जाने के विरोध में इन खेलों के बहिष्कार की धमकी दी है.
रीजीजू ने विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘आईओए के अधिकारियों ने मुझसे मुलाकात की और मुझे 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में चल रहे मुद्दों से अवगत कराया, जहां से निशानेबाजी को हटा दिया गया है. उन्होंने मेरे समक्ष इन खेलों की बहिष्कार के संभावना को उठाया. खेल मंत्री ने कहा कि मैंने उनसे राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के अधिकारियों और बर्मिंघम खेलों की आयोजन समिति से बात कर हमारी चिंताओं से अवगत कराने को कहा है.
उन्होंने कहा कि अगर इस फैसले की समीक्षा नहीं की जाती है तो हम देखेगें क्या किया जा सकता है लेकिन इस समय बहिष्कार की बातें करना काफी जल्दी होगी. जाहिरा तौर पर, बहिष्कार इसका समाधान नहीं है लेकिन मैं इस मामले में तभी अपनी राय दूंगा जब आईओए और सीजीएफ अधिकारियों के बीच बैठक का अंतिम परिणाम नहीं मिल जाता.
गौरतलब है कि राष्ट्रमंडल खेलों मे 1966 में जगह बनाने के बाद निशानेबाजी 1970 में एडिनबर्ग में हुए खेलों को छोड़कर प्रत्येक राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है. सीजीएफ ने जून में अपनी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में निशानेबाजी को बाहर कर तीन नए खेलों को शामिल करने की सिफारिश की.
यह फैसला भारत के लिए झटका था क्योंकि पिछले साल के गोल्ड कोस्ट खेलों में देश के निशानेबाजों में सात स्वर्ण सहित 16 पदक हासिल किये थे. जिससे भारत कुल 66 पदकों के साथ तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था.
मौजूदा प्रतिभा ही करेंगे कमाल
तात्कालिक मुद्दों पर बात करते हुए खेल मंत्री ने उम्मीद जतायी कि भारतीय एथलीट 2020 ओलंपिक खेलों में रियो में हुए 2016 की तुलना में अधिक पदक जीतेंगे. रीजीजू ने कहा कि मैंने अभी तीन महीने पहले खेल मंत्रालय का प्रभार ग्रहण किया है और 2020 तोक्यो ओलंपिक में अब सिर्फ 10 महीने बचे है ऐसे में हमें मौजूदा प्रतिभा के साथ जाना होगा.
कहा कि 10 महीने में हम नयी प्रतिभा को तैयार नहीं कर सकते. हमने मौजूद प्रतिभा की पहचान की है और उन्हें सभी तकनीकी संसाधनों और आवश्यकता के मुताबिक अन्य जरूरी सहायता मुहैया करा रहे हैं.
रीजीजू ने कहा कि हम पिछले ओलंपिक से बेहतर नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा के उच्च मानक के कारण पदकों की संख्या के बारे में अनुमान लगाना मुश्किल है. मेरी दीर्घकालिक तैयारी 2024 पेरिस और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी को तैयार
दिल्ली में 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के दौरान कथित तौर पर घोटाले के आरोप लगने के बाद मीडिया में देश की छवि खराब हुई लेकिन रीजीजू ने कहा कि सरकार बहु-खेल स्पर्धाओं की मेजबानी पर विचार करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी के खिलाफ नहीं है.
जाहिर है किसी भी देश के लिए ओलंपिक या एशियाई खेलों की मेजबानी करना गर्व का विषय है. हम ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी को बढ़ावा देंगे क्योंकि हमारा सपना ओलंपिक की मेजबानी करना है. कहा कि उससे पहले हमें दुनिया को अहसास करना होगा कि भारत मेजबानी कर सकता है.
भारत- पाकिस्तान में मैच
भारत पाकिस्तान के द्विपक्षीय खेल मुकाबलों के बारे में पूछे जाने पर रीजीजू ने कहा यह पूरी तरह से सरकार की राय पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंजूरी के बिना भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं होगी. लेकिन जब बात अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिताओं की आती है तो उसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
फिट इंडिया मूवमेंट का होगा आगाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त को ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को शुरू करेंगे. इस देशव्यापी अभियान में नागरिकों को कम से कम एक फिटनेस गतिविधि को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. रीजीजू ने कहा कि देश की समग्र विकास के लिए फिटनेस जरूरी है. कहा कि इस अभियान के पीछे बुनियादी सोच यह है कि सभी भारतीय पूरी तरह से फिट हो.
उन्होंने कहा कि भारत को अगर शक्तिशाली, समृद्ध राष्ट्र और फिर से आगे बढ़ना है तो यह तभी संभव होगा जब हर भारतीय फिट होगा. यह बड़ा अभियान है जिससे समाज के सभी वर्गों के लोग जुड़ेंगे.