नाईजीरियाई भारोत्तोलक के डोप परीक्षण में विफल रहने पर भारत को एक और पदक

ग्लास्गो: भारत की पदक तालिका आज में एक और इजाफा हुआ. भारत को भारोत्तोलन की महिला 53 किग्रा स्पर्धा में एक और पदक मिला जब नाईजीरिया की 16 वर्षीय स्वर्ण पदक विजेता चिका अमालाहा के प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाए जाने पर स्वाति सिंह को कांस्य पदक दिया गया जबकि संतोषी मात्सा के कांस्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2014 3:29 PM

ग्लास्गो: भारत की पदक तालिका आज में एक और इजाफा हुआ. भारत को भारोत्तोलन की महिला 53 किग्रा स्पर्धा में एक और पदक मिला जब नाईजीरिया की 16 वर्षीय स्वर्ण पदक विजेता चिका अमालाहा के प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाए जाने पर स्वाति सिंह को कांस्य पदक दिया गया जबकि संतोषी मात्सा के कांस्य पदक को रजत कर दिया गया.

महिला 53 किग्रा भारोत्तोलन के 25 जुलाई को हुई स्पर्धा में संतोषी तीसरे जबकि स्वाति चौथे स्थान पर रही थी. इन दोनों को अब क्रमश: रजत और कांस्य पदक मिलेगा.

भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के उपाध्यक्ष सहदेव यादव ने आज यहां कहा, ‘‘हमें ग्लास्गो 2014 के आयोजकों से आधिकारिक सूचना मिली है कि संतोषी के कांस्य पदक को रजत पदक कर दिया गया है जबकि चौथे स्थान पर रही स्वाति को कांस्य पदक मिलेगा..’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें इन खेलों में भारोत्तोलन में 12 पदक (तीन स्वर्ण, चार रजत और पांच कांस्य) मिल गए हैं जो दिल्ली 2010 खेलों की तुलना में दो अधिक हैं. यह हमारे लिए बडी उपलब्धि है.’’

वर्ष 2006 मेलबर्न खेलों से पहले भारोत्तोलन के प्रत्येक वर्ग में तीन स्वर्ण, इतने ही रजत और कांस्य पदक दिए जाते थे. स्नैच और क्लीन एवं जर्क मे अलग पदक देने के अलावा कुल भार के लिए अलग पदक दिया जाता था. लेकिन 2006 से अन्य खेलों की तरह इसमें भी हर वजन वर्ग के लिए एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य दिया जाता है.

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