मुझे पुरस्कार मत दो, लेकिन कृपया मेरे कोच को सम्मानित करो : अमित पंघाल

नयी दिल्ली : भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत सम्मान नहीं चाहिए, लेकिन वह चाहते हैं कि उनके पूर्व कोच अनिल धनकड़ को सम्मानित किया जाये. वह शनिवार को रूस के एकातेरिनबर्ग में समाप्त हुई विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने. वह एशियाई खेलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2019 3:40 PM

नयी दिल्ली : भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत सम्मान नहीं चाहिए, लेकिन वह चाहते हैं कि उनके पूर्व कोच अनिल धनकड़ को सम्मानित किया जाये.

वह शनिवार को रूस के एकातेरिनबर्ग में समाप्त हुई विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने. वह एशियाई खेलों और एशियाई चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. अर्जुन पुरस्कार के लिये उनके नाम की अनदेखी की गयी क्योंकि 2012 में चिकन पाक्स के उपचार के लिये ली गयी दवाई से वह डोपिंग उल्लघंन कर बैठे थे.

डोपिंग परीक्षण में विफल होने के कारण उन पर एक साल का प्रतिबंध भी लगा था. उन्होंने कहा, मैं पुरस्कारों की परवाह नहीं करता लेकिन मुझे खुशी होगी अगर मेरे पूर्व कोच अनिल धनकड़ के नाम पर द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये विचार किया जाये. उन्होंने शुरुआती वर्षों में मुझे ट्रेनिंग दी और अगर वह नहीं होते तो मैं आज ऐसा मुक्केबाज नहीं होता.

पंघाल ने कहा, मैंने 2008 में मुक्केबाजी शुरू की थी और धनकड़ सर तब से मेरे लिये अहम बने रहे हैं. अब भी जब मुझे किसी मामले में मार्गदर्शन की जरूरत होती है तो मैं धनकड़ सर के पास जाता हूं. उन्हें पुरस्कार मिलने का मतलब मुझे पुरस्कार मिलना होगा। बल्कि मुझे ज्यादा खुशी होगी.

पैंतालीस वर्षीय धनकड़ कभी भी किसी राष्ट्रीय टीम से नहीं जुड़े हैं, लेकिन जब वह मुक्केबाज थे तो राष्ट्रीय स्तर के पदकधारी थे. उन्होंने अपने शिष्य के इस लगाव के बारे में कहा, मैं 2005 से उसे जानता हूं। मेरे लिये वह परिवार की तरह है. मैं उसके परिवार वालों से काफी करीब हूं और वह मेरे बच्चे की तरह ही है.

भारतीय सेना के 23 वर्षीय नायब सूबेदार पंघाल पिछले दो वर्षों से शानदार फार्म में हैं. उन्होंने 49 किग्रा से 52 किग्रा में वजन वर्ग में खेलने का फैसला किया लेकिन इस बदलाव के बावजूद उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा.

अब वह अगले साल फरवरी में चीन में होने वाले एशियाई ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भाग लेंगे. उन्होंने कहा, यह एक और चुनौती है और मैं इसमें बेहतर करने की कोशिश करूंगा.

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