नयी दिल्ली: भारत की स्टार पैरा एथलीट दीपा मलिक ने पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. पैरा एथलेटिक्स में हिन्दुस्तान के लिए तमाम सफलताएं अर्जित करने वाली दीपा मलिक यहां सफल होती हैं या नहीं, ये देखने वाली बात होगी. दीपा मलिक ने दिव्यांगता के बावजूद जिस तरह से कई स्वर्णिम सफलताएं अर्जित की वो काबिल-ए-तारीफ है. आईए एक नजर डालते हैं उनके करियर पर…
ट्यूमर की वजह से हुईं लकवाग्रस्त
दीपा मलिक एक सैन्याधिकारी की पत्नी हैं. कई साल पहले ट्यूमर की वजह से उनके कमर के निचले हिस्से की कई सारी सर्जरी हुई जिसकी वजह से उनका चलना-फिरना संभव नहीं रह गया. उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त है. बावजूद इसके दीपा मलिक ने हिम्मत नहीं हारी और आज वो एक बाइकर, तैराक और बेहतरीन एथलिट हैं. दीपा मलिक डिस्कस थ्रो, शॉटपुट और जेवलिन थ्रो जैसे इवेंट में भाग लेती हैं. इन खेलों में उन्होंने हिन्दुस्तान को बहुत सारी सफलता दिलाई है.
जानें दीपा के करियर की उपलब्धि
दीपा मलिक की बात करें तो उन्होंने साल 2009 में शॉटपुट में अपना पहला कांस्य पदक जीता और इसी साल चीन में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में भी कांस्य पदक जीता. साल 2011 में दीपा मलिक ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत और वर्ल्ड गेम्स में दो कांस्य पदक जीता. 2012 में दीपा ने मलेशिया ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन और डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक जीता.
2014 में दीपा मलिक ने बीजिंग में आयोजित चाइना ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉटपुट थ्रो में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने करियर की सबसे बड़ी सफलता साल 2016 में अर्जित की जब उन्होंने पैरालंपिक खेलों में शॉटपुट थ्रो में रजत पदक जीता.
इन सम्मानों से नवाजी गईं दीपा मलिक
दीपा मलिक को उनकी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार ने कई सम्मानों से नवाजा है. दीपा को साल 2012 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2017 में इन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा. वहीं 2019 में दीपा को भारत सरकार ने सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया. दीपा मलिक ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 33 स्वर्ण तथा 04 रजत पदक जीते हैं. दीपा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं.