सबूतों के अभाव में छूटे मेहता और मलिक
ग्लास्गो : विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किए गए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता और कुश्ती रैफरी वीरेंदर मलिक को आज उस समय छोड दिया गया जब साक्ष्यों के अभाव में इनके खिलाफ लगे आरोपों को हटा दिया गया.इन दोनों भारतीय अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों को उस समय हटा दिया गया जब […]
ग्लास्गो : विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किए गए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता और कुश्ती रैफरी वीरेंदर मलिक को आज उस समय छोड दिया गया जब साक्ष्यों के अभाव में इनके खिलाफ लगे आरोपों को हटा दिया गया.इन दोनों भारतीय अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों को उस समय हटा दिया गया जब अभियोजन पक्ष इन दोनों के खिलाफ ग्लास्गो मजिस्ट्रेट अदालत में पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में विफल रहा.
ग्लास्गो मजिस्ट्रेट अदालत की प्रवक्ता ने प्रेट्र से कहा, ‘‘राजीव मेहता और वीरेंदर मलिक दोनों को छोड दिया गया है क्योंकि अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों के अभाव में इन दोनों के खिलाफ मामला चलाने को नहीं कहा.’’ इन दोनों अधिकारियों को छोडने का फैसला भारतीय दल के लिए काफी राहत लेकर आया है जिसे इस प्रकरण के कारण 20वें राष्ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन काफी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पडा था.
मेहता को कथित तौर पर शराब पीकर गाडी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जबकि मलिक पर यौन उत्पीडन का गंभीर आरोप लगा था. मलिक भारतीय दल का हिस्सा नहीं थे. ये दोनों हालांकि भारत के 215 सदस्यीय दल के साथ खेल गांव में नहीं रह रहे थे. ये दोनों कथित तौर पर स्थानीय होटल में रुके थे.
भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने भी इन दोनों को छोडे जाने की पुष्टि की. उच्चायोग के अधिकारियों ने बताया, ‘‘साक्ष्यों के अभाव में इन दोनों के खिलाफ आरोप हटा दिए गए हैं. उन्हें बिना कोई आरोप तय किए छोड दिया गया.’’ एडिनबर्ग में भारतीय वाणिज्य दूतावास इस मामले में पुलिस के संपर्क में था.
आरोप से बरी होने के बाद राहत महसूस कर रहे भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया गया क्योंकि वह नशे में गाडी नहीं चला रहे थे.
मेहता ने आरोप हटाए जाने के बाद कहा, ‘‘तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया और मुझे गलत दिखाया गया. मैंने शराब नहीं पी थी और मेरी सारी टेस्ट रिपोर्ट :शराब के सेवन से जुडी: नकारात्मक आई हैं. इसमें यह दिखाने के लिए कुछ नहीं है कि मैं नशे में था. मैं अदालत का आभारी हूं कि उसने उन साक्ष्यों को स्वीकार नहीं किया जिन्हें सामने रखा गया था.’’
शनिवार रात को हुई घटना के बारे में पूछने पर मेहता ने कहा, ‘‘मैं पार्टी से आ रहा था और कहीं और जा रहा था. तब दुर्घटना हुई लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नही थी.दूसरी कार में जो लडकियां थी वह सडक के गलत तरफ गाडी चल रही थी. यही कारण है कि मामला सुनवाई के लिए भी नहीं आया और इसे अभियोजन स्तर पर भी हटा दिया गया.
मेरी मेडिकल रिपोर्ट में भी कुछ नहीं आया और यही कारण है कि मेरे खिलाफ कोई आरोप तय नहीं लगाए गए.’’ अदालत में मौजूद आईओए प्रतिनिधिमंडल में शामिल उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद अधिकारियों को रिहा कर दिया गया.
पांडे ने कहा, ‘‘प्राथमिक जांच में उन्हें :स्काटलैंड यार्ड पुलिस: आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले. इसलिए उन्हें अदालत में पेश किए बिना ही छोड दिया गया.’’ घटना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए पांडे ने कहा कि मेहता अपने मित्र की कार चला रहे थे और पार्किंग से बाहर आते हुए छोटी सी दुर्घटना हो गई.