नयी दिल्ली : तोक्यो ओलंपिक 2020 के संभावितों में से एक अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता भारतीय महिला मुक्केबाज नीरज (57 किलो) को डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है.
नीरज को प्रदर्शन बेहतर करने वाली दवा लिगांड्रोल और अन्य एनाबालिक स्टेरायड के सेवन का दोषी पाया गया. नीरज ने बुल्गारिया में इस साल स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में कांस्य और रूस में एक टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता था. उसने गुवाहाटी में इंडिया ओपन में भी स्वर्ण पदक जीता था.
नीरज के नमूने 24 सितंबर को लिये गए जिनकी जांच कतर में लैब में की गई. राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी ने कहा, तीन नवंबर को कतर स्थित डोपिंग निरोधक लैब से मिली रिपोर्ट में नीरज को प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया गया.
एजेंसी ने कहा, नाडा ने डोपिंग निरोधक नियम 2015 के उल्लंघन संबंधी नोटिस उन्हें दे दिया और 13 नवंबर 2019 से अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया. नीरज ने नतीजा स्वीकार कर लिया और बी नमूने की जांच से इनकार कर दिया. नाडा ने कहा, उनके अनुरोध को मानते हुए उनका मामला डोपिंग निरोधक अनुशासन समिति को सौंप दिया गया है.
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के एक अधिकारी ने बताया कि बीएफआई को पिछले सप्ताह इसकी जानकारी दे दी गई. उन्होंने कहा, हमें पिछले सप्ताह सूचना मिली. अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसने राष्ट्रीय शिविर से अवकाश लिया था और हमें नहीं पता कि वह इस समय कहां है. नीरज खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम (टाप) योजना का हिस्सा हैं.