समलैंगिकों के खिलाफ बयान देने पर नवरातिलोवा और मैकेनरो ने की मार्गरेट कोर्ट की आलोचना
मेलबर्न : मार्टिना नवरातिलोवा और जान मैकेनरो जैसे दिग्गज टेनिस खिलाड़ियों ने मार्गरेट कोर्ट की उस बयान की आलोचना कि जिसमें सबसे ज्यादा 24 ग्रैंडस्लैम जीतने वाली इस खिलाड़ी की समलैंगिकता के खिलाफ विचार व्यक्त किये थे. कोर्ट ने 1970 में कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किये था जिसके 50 साल पूरे […]
मेलबर्न : मार्टिना नवरातिलोवा और जान मैकेनरो जैसे दिग्गज टेनिस खिलाड़ियों ने मार्गरेट कोर्ट की उस बयान की आलोचना कि जिसमें सबसे ज्यादा 24 ग्रैंडस्लैम जीतने वाली इस खिलाड़ी की समलैंगिकता के खिलाफ विचार व्यक्त किये थे.
कोर्ट ने 1970 में कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किये था जिसके 50 साल पूरे होने के मौके पर उन्हें सम्मानित करने के लिए ‘मार्गरेट कोर्ट परिसर’ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
जहां उन्हें ऑस्ट्रेलियाई ओपन की प्रतिकृति भेंट की गयी. इस दौरान 77 साल की कोर्ट ने कहा, मेरे में आप जैसा देखेंगे वैसा वापस पायेंगे. चर्च की पादरी बन चुकी कोर्ट इससे पहले दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद नीति का समर्थन कर चुकी है और, टेनिस समलैंगिकों से भरा है जैसे बयान देने के साथ उन्होंनें ट्रांसजेंडर के बच्चों को ‘शैतान की देन’ करार दिया.
नवरातिलोवा ने कहा कि उनकी इस तरह के विचारों से लोगों को दुख हुआ जबकि अमेरिकी दिग्गज मैकेनरो ने उनके लिए ‘क्रेजी आंटी (पागल चाची) जैसे शब्द का इस्तेमाल किया. मैकेनरो ने कहा, मार्गरेट कोर्ट की उपलब्धियों की सूची से सिर्फ एक चीज लंबी है और वह है समलैंगिकता के खिलाफ उनके बयान.
सात बार के ग्रैंड स्लैम विजेता ने कहा, मार्गरेट कोर्ट बाइबिल का गलत इस्तेमाल कर चीजों की अपने तरीके से पेश करती है. डब्ल्यूटीए के संस्थापक बिली जीन किंग ने कार्ट के नाम में मेलबर्न में बने मार्गरेट कोर्ट परिसर का नाम बदलने की मांग की जिसका नवरातिलोवा ने समर्थन किया.
नवरातिलोवा ने कहा, यह काफी दुर्भाग्यशाली है कि कोर्ट को इस बात का अंदेशा नहीं है कि वह अपने बयानों से कितने लोगों को दुख पहुंचा रही है.