नयी दिल्ली : सुनील कुमार ने मंगलवार को 87 किग्रा वर्ग के फाइनल में किर्गिस्तान के अजात सालिदिनोव को 5-0 से हराकर भारत को एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के ग्रीको रोमन वर्ग में 27 साल में पहला स्वर्ण पदक दिलाया.
सुनील से पहले पप्पू यादव ने 1993 में ग्रीको रोमन में 48 किग्रा वर्ग का खिताब जीता था. सेमीफाइनल में पिछड़ने के बाद जीत दर्ज करने वाले सुनील ने यहां केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में 87 किग्रा वर्ग के फाइनल में अपने विरोधी को आसानी से पछाड़ दिया.
इससे पहले सुनील सेमीफाइनल में कजाखस्तान के अजामत कुस्तुबायेव के खिलाफ 1-8 से पिछड़ रहे थे, लेकिन इसके बाद जोरदार वापसी करते हुए लगातार 11 अंक के साथ 12-8 से जीत दर्ज करने में सफल रहे.
सुनील 2019 में भी इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें खिताबी मुकाबले में हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा था. सुनील ने खिताब जीतने के बाद कहा, आज भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर मैं काफी खुश हूं.
मैंने अपनी तकनीक पर काफी कड़ी मेहनत की और अपने पिछले साल के प्रदर्शन से बेहतर करके काफी अच्छा लग रहा है. सुनील के एतिहासिक स्वर्ण पदक से पहले अर्जुन हलाकुर्की ने भी ग्रीको रोमन वर्ग की 55 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.
उन्होंने कांस्य पदक के प्ले आफ में कोरिया के डोंगहियोक वोन को 7-4 से हराया. अर्जुन का अपने पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में यह पहला पदक है. अर्जुन सेमीफाइनल में ईरान के पोया मोहम्मद नासिरपोर के खिलाफ 7-1 से आगे चल रहे थे लेकिन उन्हें 7-8 से हार का सामना करना पड़ा.
भारत की पदक की तीसरी उम्मीद मेहर सिंह (130 किग्रा) को हालांकि कांस्य पदक के मुकाबले में किर्गिस्तान के रोमान किम के खिलाफ 2-3 से हार झेलनी पड़ी. मेहर को सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान कलाई में लगी चोट के कारण भी परेशानी का सामना करना पड़ा.
सेमीफाइनल में मेहर को कोरिया के मिनसियोक किम के खिलाफ 1-9 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. मेहर को अंतिम लम्हों में टूर्नामेंट से तीन दिन पहले भारतीय टीम में शामिल किया गया था क्योंकि 130 किग्रा में देश के नंबर एक पहलवान नवीन चोट के कारण हट गये.
इससे पहले पदक के दावेदार सजन को क्वालीफिकेशन मुकाबले में ही हार का सामना करना पड़ा. उन्हें किर्गिस्तान के अंडर 23 एशियाई चैंपियन रेनात इलियाजुलू ने 9-6 से हराया. सचिन राणा को भी 63 किग्रा वर्ग में इलमूरत तासमुरादोव के खिलाफ 0-8 से एकतरफा हार का सामना करना पड़ा. वह इसके बाद रेपेचेज में भी कजाखस्तान के येरनूर फिदाखामेतोव के खिलाफ 3-6 से हार गये.