इंचियोन : भारतीय हॉकी टीम एशियाई खेलों में जब रविवार को श्रीलंका के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो नजरें पदक पर होगी. साथ ही जेहन में रियो ओलंपिक में सीधे प्रवेश सुनिश्चित करना होगा जबकि महिला टीम अपने अभियान का आगाज अगले दिन करेगी. गौरतलब हो कि पिछले सोलह साल से भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पदक के लिए तरस रही है. भारतीय टीम एशियाई खेलों के नये प्रारुप में रविवार को श्रीलंका से पूल बी का पहला मुकाबला खेलेगी.
अंतरराष्ट्रीय हॉकी के नये प्रारुप का पहली बार एशियाई खेल में इस्तेमाल किया जायेगा जिसमें खेल 35-35 मिनट के दो हाफ की बजाय 15-15 मिनट के चार क्वार्टर में होगा. खेल की अवधि 70 की बजाय 60 मिनट की होगी और हर बार पेनल्टी कार्नर और गोल के बाद 40 सेकंड का टाइम आउट रहेगा.
पेनल्टी कार्नर और गोल के बाद टाइम आउट देने का कारण पूरे 60 मिनट खेल सुनिश्चित करना है. एफआइएच ने टीमों को पेनल्टी कार्नर लेने और गोल के बाद जश्न के लिये पर्याप्त समय देने को इसकी वजह बताया है. एशियाड स्वर्ण जीतने वाली टीम को 2016 रियो ओलंपिक में सीधे प्रवेश मिलेगा. विश्व रैंकिंग में भारत नौवें नंबर पर दूसरी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाली एशियाई टीम है. उससे उपर चार बार की चैम्पियन और मेजबान दक्षिण कोरिया है. भारत के ग्रुप में कोरिया के अलावा पाकिस्तान भी है जिससे उसे 25 सितंबर को खेलना है.
पाकिस्तान कल पहले मैच में ओमान से खेलेगा. भारत अभी तक एशियाड में सिर्फ दो बार स्वर्ण जीत सका है लेकिन हाल ही में राष्ट्रमंडल खेलों में रजत जीतने से उसके हौसले बुलंद है. दूसरी ओर पाकिस्तान ने करीब 11 महीने से अंतरराष्ट्रीय हॉकी नहीं खेली है. भारत के प्रदर्शन की रीढ सरदार सिंह होंगे जो इन खेलों में भारतीय दल के ध्वजवाहक भी हैं. ग्रुप में ओमान और चीन की भी टीमें हैं.