स्क्वाश में रजत जीतने के बाद भी निराश हैं घोषाल

इंचियोन: दो गेम से बढत बनाने के बावजूद सौरव घोषाल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय स्क्वाश खिलाडी बनने से मामूली अंतर से चूक गए. इस वजह से फाइनल हारने के बाद गुस्से में अपना रैकेट पटककर घोषाल चेंजिंग रुम में चले गए. फाइनल में घोषाल पहले दो गेम में आगे चल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2014 12:35 PM

इंचियोन: दो गेम से बढत बनाने के बावजूद सौरव घोषाल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय स्क्वाश खिलाडी बनने से मामूली अंतर से चूक गए. इस वजह से फाइनल हारने के बाद गुस्से में अपना रैकेट पटककर घोषाल चेंजिंग रुम में चले गए.

फाइनल में घोषाल पहले दो गेम में आगे चल रहे थे लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी कुवैत के अब्दुल्ला अलमेजायेन ने नाटकीय वापसी करके अगले तीनों गेम और मुकाबला जीत लिया.
अलमेजायेन ने 10.12, 2.11, 14.12, 11.8, 11.9 से जीत दर्ज की. तीसरे गेम में जब स्कोर 12.11 था, जब घोषाल विजयी अंक बनाने से चूक गए. पहला गेम जीतने में उन्हें 21 मिनट लगे लेकिन दूसरा गेम उन्होंने छह मिनट में जीत लिया. इसके बाद कुवैती खिलाड़ी ने वापसी की और अगले तीन गेम 19, 12 और 17 मिनट में जीत लिये.
मैच हारने के बाद मिश्रित जोन उन्होंने हार की जिम्मेदारी खुद ही ली. अपने आंसू छिपाने की कोशिश करते उन्होंने कहा कि वह इस हार के लिये रैफरी के फैसलों को दोष नहीं देंगे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को उसकी जीत का पूरा श्रेय दिया.
उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि वह भी कुछ फैसलों से निराश होगा और मैं भी. मुझे पता नहीं कि निराश होना सही है या नहीं. मैं भीतर था और बाहर से मुकाबला नहीं देख रहा था लेकिन मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहता.
उन्होंने कहा कि उसने दो गेम से पिछडने के बाद उम्दा प्रदर्शन किया और अविश्वसनीय शाट लगाये. उसे वापसी के लिये चमत्कारिक प्रदर्शन करना था जो उसने किया. मैं हार से दुखी हूं लेकिन जीत का श्रेय उसे देना चाहूंगा.
रजत जीतने के बावजूद घोषाल ने अपने प्रदर्शन से निराशा जताई. उन्होंने इसे अपनी नाकामी बताया. घोषाल ने कहा कि स्वर्ण जीतने आया था और रजत जीतकर लौट रहा हूं. ेउन्होंने कहा कि हम इससे पहले फाइनल में नहीं पहुंचे थे. मैं अच्छा प्रदर्शन करके यहां तक पहुंचा लेकिन इस तरह का टूर्नामेंट जीतने के लिये काफी लंबे समय तक अथक परिश्रम करना होता है. मैं आज जीत नहीं सका और इस हकीकत को कोई नहीं बदल सकता कि मैं स्वर्ण नहीं जीत सका
एशियाई खेलों में यह हालांकि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इससे पहले उन्होंने एशियाई खेलों में तीन पदक जीते थे जिसमें 2006 दोहा खेलों का एकल कांस्य और 2010 ग्वांग्झू खेलों में युगल और एकल कांस्य शामिल है.

Next Article

Exit mobile version