इंचियोन : भारत ने 17वें एशियाई खेलों में कबड्डी पर अपना दबदबा कायम रखा. भारत ने अपनी बादशाहत कायम रखते हुए दो स्वर्ण पदक प्राप्त किया. भारत की पुरुष और महिला टीमों ने ईरान को हराकर स्वर्ण पदक जीता.
महिला टीम ने ईरान के खिलाफ आसान जीत दर्ज की लेकिन पुरुषों को इसी देश की टीम को हराकर लगातर सातवां स्वर्ण पदक जीतने के लिए काफी पसीना बनाना पड़ा और मैच में अधिकांश समय टीम पिछडी रही.
* पुरुष टीम ने ईरान को 27-25 से हराया
भारतीय पुरुष टीम ने पहले हाफ में पिछडने के बाद दूसरे हाफ में जोरदार वापसी करते हुए सोंग्दो यूनिवर्सिटी जिम्नेजियम में ईरान को 27-25 से हराकर लगातार सातवां स्वर्ण पदक जीता.
वर्ष 1990 में बीजिंग में पदार्पण के बाद से पिछले छह बार के विजेता भारत की पुरुष टीम की राह हालांकि आसान नहीं रही. टीम 40 मिनट के मुकाबले में अधिकांश समय पीछे रही और अंतिम सात मिनट में ही बराबरी हासिल कर पाई.
मध्यांतर तक भारतीय टीम 13-21 के बडे अंतर से पिछड रही था और ऐसा लग रहा था कि गत चैम्पियन टीम को उलटफेर का सामना करना पडेगा. टीम हालांकि दूसरे हाफ में जोरदार वापसी करते हुए जीत दर्ज करने में सफल रही. दूसरे हाफ में रेड के दौरान विरोधी डिफेंडर का घुटना लगने से भारतीय कप्तान राकेश कुमार चोटिल हो गए और सिर में पट्टी बांधकर खेले.
राकेश ने कहा कि मध्यांतर के दौरान ईरान की टीम को जल्द समेटने की योजना बनाई गई जिससे कि लोना अंक हासिल करके मैच में वापसी की जा सके क्योंकि विरोधी टीम में भारत के पांच के मुकाबले चार ही खिलाडी बचे थे.
ईरान की तेजतर्रार टीम के खिलाफ भारत ने खराब शुरुआत की जिससे विरोधी टीम ने जल्द ही 17-7 की बड़ी बढत बना ली. भारत ने इस दौरान अपने सभी खिलाडियों के आउट होने से लोना अंक भी गंवाया. अनुभवी रेडर जसवीर सिंह को अति आत्मविश्वास का खामियाजा भुगतना पडा और शुरुआत में तीन रेड करने के बाद विरोधियों ने उन्हें दबोच लिया.
भारत को इसके बाद उसके सबसे अनुभवी खिलाड़ी अनूप कुमार ने अच्छी रेड से तीन अंक दिलाए लेकिन इसके बावजूद भारत पहले 15 मिनट के बाद 11-18 से पीछे चल रही थी और मध्यांतर तक 13-21 से पीछे हो गया.दूसरे हाफ की शुरुआत के बाद भारत ने जोरदार वापसी की और विरोधी को आउट करके लोना अंक हासिल किया. टीम ने इसके बाद 21-21 से स्कोर बराबर कर दिया.
भारतीय टीम इसके बाद एक बार फिर 21-24 से पिछडी लेकिन जब मैच में सिर्फ सात मिनट बचे थे तब 24-24 से बराबरी हासिल करने में सफल रही. अनूप ने इसके बाद भारत को 25-24 से आगे किया जिससे भारत ने मैच में पहली बार बढत हासिल की. भारत ने ईरान के रेडर मेराज शेख को अपने पाले में पकडकर बढत को दो अंक की किया लेकिन अनूप अपनी अगली रेड में विफल रहे जिससे बढत सिर्फ एक अंक की रह गई.भारत ने हालांकि अंतिम मिनट में ईरान के रेडर मेराज को दाबोचकर अपनी बढत को दो अंक तक पहुंचाया जो निर्णायक साबित हुई.
* महिला टीम ने फाइनल में ईरान को 31-21 से हराया
इससे पहले भारतीय महिला टीम ने दूसरे हाफ में बेहतर प्रदर्शन की बदौलत ईरान को 31-21 से हराया. टीम मध्यांतर तक 15-11 से आगे थी. ईरान ने हालांकि लोना अंक हासिल करके स्कोर 10-12 किया.
अभिलाषा म्हात्रे ने इसके बाद सफल रेड के साथ दो अंक जुटाए और दो खिलाडियों को जिंदा भी किया. भारत ने इसके बाद 19-15 की बढत बनाई और लगातार दबाव बनाते हुए खिताब जीत लिया. भारतीय टीम को पछाडने के इरादे से आई ईरान की टीम हार के बदा रो पडी.
* पदक तालिका में आठवें स्थान पर रहा भारत
प्रतियोगिताओं के समापन से एक दिन पहले भारत पदक तालिका में आठवें स्थान पर पहुंचने में सफल रहा. कबड्डी के ये दो स्वर्ण पदक भारत के लिए खेलों में अंतिम पदक भी साबित हुए. मौजूदा खेलों में भारत के प्रदर्शन को निराशाजनक माना जाएगा क्योंकि इस बार कुल पदकों की संख्या में गिरावट आई.
दो स्वर्ण पदक के साथ भारत 11 स्वर्ण, नौ रजत और 37 कांस्य पदक के साथ आठवें स्थान पर है. चीन 145 स्वर्ण, 103 रजत और 81 कांस्य पदक के साथ कुल 329 पदक जीतकर शीर्ष पर चल रहा है. दक्षिण कोरिया 222 पदक :75 स्वर्ण, 70 रजत और 77 कांस्य: के साथ दूसरे जबकि जापान 190 पदक :46 स्वर्ण, 72 रजत और 72 कांस्य: के साथ तीसरे स्थान पर है.
मौजूदा खेलों में भारत उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया और ग्वांग्झू में हुए पिछले एशियाई खेलों के 65 पदक :14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य: की तुलना में उसने कम पदक जीते.
प्रतियोगिता के अंतिम दिन भारत के किसी खिलाडी को चुनौती पेश नहीं करनी है और ऐसे में अन्य देशों के खिलाडियों के प्रदर्शन के आधार पर पदक तालिका में उसकी स्थिति में बदलाव का सकता है.