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इंचियोन के चैंपियन सम्मानित,आइओए ने माना एशियाड में उम्मीद से कम मिले पदक

नयी दिल्ली:भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने सोमवार को यहां इंचियोन एशियाई खेलों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को संतोषजनक करार दिया. उसने साथ ही स्वीकार किया कि जितनी उम्मीद की गयी थी, भारत को इन महाद्वीपीय खेलों में उससे कम पदक मिले. भारत ने इंचियोन में 11 स्वर्ण, 10 रजत और 36 कांस्य पदक सहित कुल […]

नयी दिल्ली:भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने सोमवार को यहां इंचियोन एशियाई खेलों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को संतोषजनक करार दिया. उसने साथ ही स्वीकार किया कि जितनी उम्मीद की गयी थी, भारत को इन महाद्वीपीय खेलों में उससे कम पदक मिले. भारत ने इंचियोन में 11 स्वर्ण, 10 रजत और 36 कांस्य पदक सहित कुल 57 पदक जीते, जबकि इससे चार साल पहले ग्वांग्झू एशियाई खेलों में वह 14 स्वर्ण सहित 64 पदक जीतने में सफल रहा था. आइओए के कोषाध्यक्ष अनिल खन्ना ने कहा कि इस बार ग्वांग्झू से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी.

खन्ना ने सैमसंग द्वारा एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के लिए आयोजित सम्मान समारोह में कहा, ‘हां हमने जितनी उम्मीद की थी, उतने पदक नहीं आये, लेकिन हमारे खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है. खिलाड़ियों की उपलब्धि उनके द्वारा की गयी कड़ी मेहनत का नतीजा है. मुङो पूरी उम्मीद है कि इंडोनेशिया एशियाई खेल और ओलिंपिक में हमारा प्रदर्शन बेहतर रहेगा.’ उन्होंने रियो ओलिंपिक के संदर्भ में कहा, ‘हमें वहां लंदन ओलिंपिक से अधिक पदक हासिल करने की उम्मीद है. भारत सरकार, आईओए और संबंधित पक्ष इस पर काम कर रहे हैं. इससे पहले महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को ‘मोस्ट वैल्यूड प्लेयर’ का पुरस्कार दिया गया. इसके लिए उन्हें दस लाख रुपये देकर पुरस्कृत किया गया.

महिला खिलाड़ियों के प्रति नजरिया बदलना जरूरी

नयी दिल्ली. स्टार मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम ने देशवासियों से महिलाओं खिलाड़ियों के प्रति नजरिया बदलने की अपील की, क्योंकि मौका मिलने पर वे भी देश के लिए पदक जीत सकती हैं. मेरीकॉम को यहां एक समारोह में ‘मोस्ट वैल्यूड प्लेयर’ चुना गया. उन्होंने इसके बाद कहा, ‘ग्वांग्झू में पहली बार एशियाई खेलों में महिला मुक्केबाजी को शामिल किया गया था.

वहां मैं कांस्य पदक ही जीत पायी थी, लेकिन इंचियोन में मैं केवल स्वर्ण पदक जीतने के लक्ष्य को लेकर गयी थी. मैं वास्तव में बहुत खुश हूं. यह मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा छोटा बच्चा था, लेकिन मैंने कड़ी मेहनत की थी. कई लोग मेरी क्षमता पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन मैं अपने काम के प्रति प्रतिबद्ध थी. मेरा लक्ष्य मेरे सामने था और मुङो उसे हासिल करना था और उसमें मैं सफल रही.’ मेरीकॉम ने कहा कि भारत में महिला खिलाड़ियों के प्रति अब नकारात्मक नजरिया है और यदि देश को बड़ी प्रतियोगिताओं में अधिक-से-अधिक पदक जीतने हैं, तो उन्हें इसे बदलना होगा.

उन्होंने कहा, ‘भारत में महिलाओं को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ने के बहुत कम मौके दिये जाते हैं. उन्हें परिवार के लोग भी उतनी सुविधाएं नहीं देते, जितनी की उन्हें मिलनी चाहिए. जब तक महिलाओं के प्रति यह मानसिकता नहीं बदलेगी तब तक अधिक पदक नहीं जीत सकते .

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