भारतीय हॉकी कोच टैरी वॉल्‍श का इस्तीफा, बत्रा ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप

नयी दिल्‍ली : भारतीय हॉकी टीम के कोच टैरी वॉल्‍श ने फिर से अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. उन्‍होंने हॉकी इंडिया के साथ नये करार पर सहमति नहीं बनने पर कोच पद से इस्‍तीफा देने का फैसला लिया. टैरी ने ऑस्‍ट्रेलिया वापस लौटने का फैसला लिया है. इधर हॉकी इंडिया की ओर से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2014 4:47 PM

नयी दिल्‍ली : भारतीय हॉकी टीम के कोच टैरी वॉल्‍श ने फिर से अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. उन्‍होंने हॉकी इंडिया के साथ नये करार पर सहमति नहीं बनने पर कोच पद से इस्‍तीफा देने का फैसला लिया. टैरी ने ऑस्‍ट्रेलिया वापस लौटने का फैसला लिया है.

इधर हॉकी इंडिया की ओर से बयान आ रहा है कि कोच टैरी वॉल्‍श को नया प्रश्‍ताव भेजा जाएगा. खबर है कि सोमवार को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ चले छह घंटे की बैठक में टैरी के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए कोई बात नहीं बनी. इसके बाद टैरी ने अपने इस्‍तीफे की घोषणा कर दी.

वॉल्श का अनुबंध कल समाप्त हो रहा है. उन्होंने पिछले महीने ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि हॉकी इंडिया और साई ने टीम फैसलों में उनकी बात को अधिक महत्व देने और उनकी पसंद का सहयोगी स्टाफ रखने की मांगों को नामंजूर कर दिया था. उनसे पद पर बने रहने के लिये बातचीत चल रही थी और वह सुबह खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से भी मिले थे लेकिन बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकल पाया. इससे वॉल्श ने अपना इस्तीफा वापस लिये बिना ऑस्ट्रेलिया लौटने का फैसला कर लिया.
हालांकि उनके पास अगले दो दिनों में नया प्रस्ताव भेजा जाएगा जिससे उनके भारत वापसी के लिये दरवाजे अब भी खुले हुए हैं. वाल्श भी संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे और उन्होंने कहा कि वह अब भी भारतीय टीम को कोचिंग देने को लेकर आशावान थे और नये प्रस्ताव में उनकी सभी मांगों पर गौर किया जाएगा. वॉल्श का अपने पद पर बने रहने को लेकर तब संदेह जताया जाने लगा था जब रिपोर्ट आयी कि उनके और हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के बीच गंभीर मतभेद पैदा हो गये हैं.
बत्रा ने आरोप लगाया कि वॉल्श अमेरिकी हॉकी में अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल रहे थे और वह इस ऑस्ट्रेलियाई को टीम के साथ रखने के पक्ष में नहीं थे. यदि वॉल्श वापस नहीं आते तो इसे भारतीय हॉकी के लिये बड़ा झटका माना जा सकता है क्योंकि उनके रहते हुए टीम ने अच्छे परिणाम हासिल किये थे.
भारतीय पुरुष टीम ने हाल में 16 वर्षों के अंतराल के बाद एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता जिससे उसने 2016 में रियो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई किया. इससे पहले टीम ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता और हाल में विश्व चैंपियनशिप ऑस्ट्रेलिया से उसकी सरजमीं पर श्रृंखला जीती. वॉल्श की मांगों पर गौर करने के लिये तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया था लेकिन वह किसी परिणाम पर पहुंचने में नाकाम रही थी.
इस पैनल में पूर्व हॉकी कप्तान अजित पाल सिंह, अशोक कुमार और जफर इकबाल शामिल थे. पैनल ने वॉल्श, हॉकी इंडिया के परफोरमेन्स निदेशक रोलेंट ओल्टमैन्स और भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों से दो बार बैठक की लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाये थे.
वॉल्श ने फैसलों में उनकी बात को तवज्जो देने और अपनी पसंद के सहयोगी स्टाफ के अलावा 120 दिन के भुगतान अवकाश की भी मांग की थी. उन्होंने कहा कि इस अवकाश के दौरान वह खिलाडियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये जुडे रहेंगे.

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