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भारतीय हॉकी कोच बने रहने का फैसला वॉल्‍श करेंगे : साई

नयी दिल्ली : नये अनुबंध विवाद के चलते भारतीय पुरुष हॉकी कोच पद से इस्‍तीफा देने वाले टेरी वॉल्‍श को हॉकी इंडिया की ओर से मनाने की कोशिश जारी है. खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के टेरी वाल्श की मांगों पर सैद्वांतिक रुप से सहमति जतायी है. इसके बाद अब भारतीय हॉकी टीम का मुख्य कोच […]

नयी दिल्ली : नये अनुबंध विवाद के चलते भारतीय पुरुष हॉकी कोच पद से इस्‍तीफा देने वाले टेरी वॉल्‍श को हॉकी इंडिया की ओर से मनाने की कोशिश जारी है. खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के टेरी वाल्श की मांगों पर सैद्वांतिक रुप से सहमति जतायी है.

इसके बाद अब भारतीय हॉकी टीम का मुख्य कोच पद पर बने रहने का फैसला करने के लिये गेंद ऑस्ट्रेलियाई के पाले में है और साई को उम्मीद है कि वह अगले चार-पांच दिन में कोई निर्णय कर लेंगे. भारतीय हॉकी को तब करारा झटका लगा जब पुरुषों की राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच वॉल्श ने हॉकी इंडिया और अपने नियोक्ता भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ अनुबंध संबंधी अपनी बातचीत नाकाम रहने के बाद वापस ऑस्ट्रेलिया जाने का फैसला किया था.

वॉल्श ने हालांकि संकेत दिये हैं कि वह चैंपियन्स ट्रॉफी से पहले टीम से जुड सकते हैं और वह ताजा प्रस्ताव मिलने और उसका अध्ययन करने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन साई के कार्यकारी निदेशक (टीम) सुधरी सेतिया ने वाल्श को किसी तरह का ताजा प्रस्ताव भेजने का खंडन किया और उन्होंने कहा कि उन्हें अब इस ऑस्ट्रेलियाई के फैसले का इंतजार है.
सेतिया ने कहा, वह कल खेल मंत्री से मिले थे और मंत्री सैद्वांतिक रुप से उनकी मांगों पर सहमत हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वह कुछ दिन के लिये स्वदेश जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्राम की जरुरत है. उन्होंने कहा, हम उन्हें कोई ताजा प्रस्ताव नहीं भेजने जा रहे हैं. प्रत्येक चीज पर विस्तार से बात हो चुकी है. अब उन्हें हमसे बात करनी होगी.
सेतिया ने कहा, उन्होंने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद प्रस्ताव पर दोबारा गौर करेंगे और चार पांच दिन में हमसे बात करेंगे. अब गेंद उनके पाले में है. अब यह फैसला उन्हें करना है कि वह अपने पद पर बने रहना चाहते हैं या नहीं. पिछले साल अक्तूबर में ऑस्ट्रेलिया के माइकल नोब्स की जगह भारत के मुख्य कोच बने वाल्श ने पिछले महीने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अधिक स्वायत्ता देने और फैसलों में उनकी बात को अधिक महत्व देने की मांग की थी.
इस ऑस्ट्रेलियाई का एक महीने का नोटिस काल आज समाप्त हो गया लेकिन ताजा अनुबंध पर हस्ताक्षर किये बिना पर्थ रवाना हो गये क्योंकि उनके, साई और हॉकी इंडिया के बीच बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकल पाया. वॉल्श की मांगों पर भले सैद्वांतिक रुप से सहमति जता दी गयी हो लेकिन उनकी वापसी को लेकर संशय है क्योंकि हॉकी इंडिया उन्हें रखने के पक्ष में नहीं हैं.

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