नयी दिल्ली : भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अपने बयान से पलट गयीं हैं. सानिया ने कहा कि उन्होंने भारत में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलने की बात कभी नहीं की है. उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
सानिया ने बयान दिया था कि लिंग भेद हमारे देश में आज भी मौजूद है, जिसके कारण सानिया मिर्जा होना बहुत मुश्किल है. सानिया ने कहा वह एक लड़की हैं इस लिए कई तरह के विवादों में पड़ी अगर लड़का होती तो कोई परेशानी नहीं होती.
सानिया को दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला सदभावना दूत नियुक्त किया गया है. वह महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए अभियान चलाने और लिंग समानता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इससे जुड़ी हैं. सानिया दक्षिण एशिया क्षेत्र की पहली महिला हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने सद्भावना दूत नियुक्त किया है.
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारत में खेलों में अधिक महिलाओं को आना चाहिए. संस्कृति को बदलने की जरूरत है. सरकार इसमें शामिल हो रही है और मुझे लगता है कि इससे काफी चीजों में बदलाव हो रहा है. हमारे वर्तमान खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल महिला खेलों को बहुत बढ़ावा देते हैं और मैंने निजी रूप से यह देखा है.
सानिया ने कहा, मुझे खुशी है कि सरकार भी हमारे समाज में व्याप्त लिंग असमानता पर बात कर रही है और सच्चाई यह है कि वह इसको लेकर कुछ करने की कोशिश कर रही है जिससे पता चलता है कि यह कितना जरूरी है. सानिया ने कहा सांस्कृतिक बदलाव की जरूरत है और उम्मीद है कि मीडिया भी जिम्मेदारी लेगा.
मीडिया की भूमिका अहम होती है. वह बदलाव ला सकता है और उसे ऐसा करना चाहिए. उन्होंने कहा, लिंग समानता का हम सभी को समर्थन करना चाहिए. कुछ इस बारे में बोलते हैं कुछ नहीं. मुझे इस पर बोलने के लिए चुना गया है. मुझे उम्मीद है कि एक दिन सभी बोलेंगे कि हम सब एक हैं और महिलाओं के साथ वस्तु की तरह व्यवहार नहीं किया जायेगा. मैं बदलाव लाने के लिए अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करूंगी.
इस टेनिस स्टार ने इसके साथ ही कहा कि वह छह दिसंबर से शुरु होने वाले इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग ( आईटीपीएल ) में खेलने को लेकर उत्साहित है. उन्होंने कहा, मैं आज रात को रवाना हो रही हूं. मैं यहां से अभ्यास करने जाऊंगी और उसके बाद सीधे हवाई अड्डे जाऊंगी. मैं इसको लेकर बहुत उत्साहित हूं. मैं आईटीपीएल में खेलने के लिए तैयार हूं.